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IIT Kanpur: नए साल में कानपुर आईआईटी करेगा हृदयंत्र का एनीमल ट्रायल, एआई और एमएल के प्रयोग पर रहेगा जोर

आईआईटी कानपुर का गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी नए साल में हृदयंत्र का एनीमल टेस्ट पूरा करने लिए तैयार है। स्कूल का फोकस इसके साथ ही ऐसे मेडिकल उपकरणों का विकास करना है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग किया गया है। इस टेक्नोलॉजी से टेली मेडिसिन में भी क्रांतिकारी बदलाव की अवधारणा पर काम किया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 01 Jan 2024 06:17 PM (IST)
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IIT Kanpur: नए साल में कानपुर आईआईटी करेगा हृदयंत्र का एनीमल ट्रायल, एआई और एमएल के प्रयोग पर रहेगा जोर
अखिलेश तिवारी, कानपुर। आईआईटी कानपुर का गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी नए साल में हृदयंत्र का एनीमल टेस्ट पूरा करने लिए तैयार है। स्कूल का फोकस इसके साथ ही ऐसे मेडिकल उपकरणों का विकास करना है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग किया गया है। 

इस टेक्नोलॉजी से टेली मेडिसिन में भी क्रांतिकारी बदलाव की अवधारणा पर काम किया जा रहा है। विभिन्न संस्थानों के चिकित्सक और आईआईटी कानपुर के लगभग एक दर्जन विभाग के इंजीनियर मिलकर चिकित्सा एवं टेक्नोलॉजी की नई अवधारणा को साकार करने में जुटे हैं।

सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व तत्कालीन निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने गंगवाल स्कूल के भवन निर्माण की आधारशिला 25 सितंबर 2023 को रखी थी। अगले दो साल में निर्माण होने के बाद स्कूल की शैक्षिक गतिविधियां वर्ष 2026 से शुरू हो सकती हैं, लेकिन इस बीच स्कूल के इंजीनियरों की टीम हृदयंत्र का महत्वपूर्ण परीक्षण करने के लिए तैयार है।

 2024 में एनिमल ट्रायल सफल होने की उम्मीद

हृदयंत्र का टेबल टॉप वर्जन तैयार है, इसे एनिमल ट्रायल से गुजारने का इंतजार हो रहा है। 2024 में एनिमल ट्रायल सफल होने की उम्मीद है। अकादमिक गतिविधियों के तहत स्कूल ने पिछले दिनों में दि मेलबर्न यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया, ग्लासगो यूनिवर्सिटी ब्रिटेन और स्वांसी यूनिवर्सिटी के साथ डिजिटल हेल्थ, मेडिकल टेक्नोलॉजी, शैक्षिक गतिविधियों, अनुसंधान एवं शोध संबंधी एमओयू किया है। 

यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के साथ इसी माह की शुरुआत में मेडिसिन और हेल्थ साइंस में शैक्षिक व अन्य चिकित्सा संबंधी अनुसंधान का करार भी आईआईटी निदेशक प्रो. एस गणेश ने किया है।

भारतीय सेना के मेडिकल कोर के साथ भी आईआईटी का गंगवाल स्कूल मिलकर काम करने के लिए तैयार है। एयर मार्शल साधना एस नायर के साथ आईआईटी निदेशक ने पिछले सप्ताह ही करार किया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मेडिकल उपकरणों के विकास पर काम करने पर सहमति बनी है। 

सशस्त्र सैन्य चिकित्सा सेवा संगठन के चिकित्सक और छात्र इस प्रोजेक्ट पर आईआईटी इंजीनियरों के साथ मिलकर काम करेंगे। आईआईटी ने उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल और कार्किनोस हेल्थ केयर के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया है जो कैंसर चिकित्सा में अत्याधुनिक तकनीकी विकास से संबंधित है। प्रतिष्ठित दवा कंपनी लौरस लैब के साथ जेनेटिक मेडिसिन और जटिल रोग क्षेत्र में भी अनुसंधान व चिकित्सा विकास पर काम किया जा रहा है।

भवन तैयार होने के बाद शुरू होगी पढ़ाई

गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में डीएम और एमसीएच की पढ़ाई भी कराई जाएगी। यहां पारंपरिक पढ़ाई में इंजीनियरिंग का भी समावेश रहेगा जिससे टेक्नोलॉजी आधारित चिकित्सा सुविधाओं का विकास किया जा सके। 

रोगों का उपचार करने के साथ न्यू टेक्नोलॉजी पर काम करने से मेडिकल उपकरण और इंप्लांट के विकास का लक्ष्य है। रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी और एआई की मदद से टेली मेडिसिन का विकास करने की भी योजना पर काम किया जा रहा है।

गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट हृदयंत्र लगभग तैयार है। नए साल में इसका एनीमल ट्रायल पूरा होने की उम्मीद है। विभिन्न शैक्षिक व चिकित्सा संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। चिकित्सा क्षेत्र की जरूरत के अनुसार टेक्नोलॉजी आधारित उपकरण का विकास और अनुसंधान भी किया जाएगा।

-प्रो. संदीप वर्मा, प्रमुख, गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, आईआईटी कानपुर।

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