IIT Kanpur के स्टूडेंट्स ने तैयार की गजब की डिवाइस, अपराधियों को सजा और निर्दोष को न्याय दिलाने में मददगार
आईआईटी कानपुर के छात्रों ने एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाई है जिसका नाम चक्रा इमेजर है। यह डिवाइस किसी भी कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की क्लोन कापी तैयार कर सकती है। इससे डिजिटल साक्ष्यों को छेड़छाड़ से बचाया जा सकता है और अपराधियों को सजा दिलाने में मदद मिल सकती है। इसका सबसे ज्यादा लाभ पुलिस को हो सकता है।
अखिलेश तिवारी, कानपुर। आधुनिक युग में डिजिटल उपकरणों का मनुष्य के जीवन में काफी दखल है। इसका प्रभाव सकारात्मक के साथ ही नकारात्मक भी हो सकता है। यही वजह है कि कई मौकों पर डिजिटल सुबूत से छेड़छाड़ की आशंका का जहां अपराधियों को लाभ मिल जाता है तो वहीं निर्दोष को नुकसान उठाना पड़ जाता है।
अब ऐसी स्थिति नहीं आएगी, क्योंकि IIT कानपुर के विद्यार्थियों ने ऐसी इलेक्ट्रानिक डिवाइस तैयार की है, जो इस तरह की स्थिति निर्मित नहीं होने देगी। इलेक्ट्रानिक डिवाइस चक्रा इमेजर की मदद से किसी भी कंप्यूटर में मौजूद डेटा को उसी रूप में ट्रांसफर किया जा सकता है, जिस रूप में वह प्रथम कापी में मौजूद है।
चक्रा डिवाइसः इसी से निकाला जाता है पूरा डेटाः स्रोत संस्थान
इसका सबसे ज्यादा लाभ पुलिस को हो सकता है, क्योंकि यह अदालत में डिजिटल साक्ष्य के तौर पर प्रयोग होगा। यदि असली डिवाइस में छेड़छाड़ कर भी दी जाती है तो भी उसका सुरक्षित वर्जन नई डिवाइस में मौजूद रहेगा, जो अपराधी को सजा दिलाने में मददगार होगा। इस साइबर टूल की मदद से डेटा का विश्लेषण भी किया जा सकता है।
इसका सबसे ज्यादा लाभ पुलिस को हो सकता है, क्योंकि यह अदालत में डिजिटल साक्ष्य के तौर पर प्रयोग होगा। यदि असली डिवाइस में छेड़छाड़ कर भी दी जाती है तो भी उसका सुरक्षित वर्जन नई डिवाइस में मौजूद रहेगा, जो अपराधी को सजा दिलाने में मददगार होगा। इस साइबर टूल की मदद से डेटा का विश्लेषण भी किया जा सकता है।
पूरी दुनिया में बढ़ते साइबर अपराध पर रोक लगाने के उद्देश्य से इसका विकास किया गया है। अभी साइबर अपराधियों के पकड़े जाने के बाद भी डेटा को एनालाइज यानी विश्लेषण करना बड़ी चुनौती है। पुलिस जब किसी डिवाइस या उपकरण को जब्त कर अदालत में साक्ष्य के तौर पर पेश करती है तो उसका डेटा एनालाइज करना पड़ता है।इस दौरान कंप्यूटर डेटा में बदलाव होना स्वाभाविक एवं अनिवार्य प्रक्रिया है। अपराधी बाद में यह कहकर अपना बचाव कर लेता है कि डेटा एनालाइज करने के दौरान परिवर्तन हुआ है। इससे अपराधी को संदेह लाभ मिल जाता है। आइआइटी छात्रों ने इसी का तोड़ निकाला है।
आइआइटी इंक्यूबेशन सेंटर और सी 3 आइ हब के साथ इंक्यूबेट साइबर चक्रा टेक्नोलाजी के संस्थापक सीईओ शुभम पांडेय बताते हैं कि उनके चक्रा इमेजर से किसी भी मोबाइल फोन, लैपटाप, कंप्यूटर या इलेक्ट्रानिक डिवाइस की क्लोन कापी तैयार हो जाती है।22 जीबी तक डेटा को एक मिनट में कापी किया जा सकता है। इसकी विशिष्टता यह है कि कंप्यूटर सिस्टम में जो साफ्टवेयर मौजूद है, वह अपने समूचे स्वरूप में ट्रांसफर होता है। यानी अगर कोई फाइल किसी अन्य फाइल में सेव है तो एक साथ कापी होती है और सभी साफ्टवेयर भी अपने मूलरूप में कापी होते हैं।
कंपनी के सीएफओ अभिषेक वाघमारे बताते हैं कि चक्रा इमेजर से तैयार क्लोन कापी को अदालत में डिजिटल साक्ष्य के तौर पर पेश किया जा सकेगा। इसके दूसरे वर्जन या मूल कंप्यूटर का डेटा एनालाइज किया जाएगा तो मूल वर्जन पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। उसमें छेड़छाड़ नहीं मिलेगी। दोनों वर्जन की तुलना भी की जा सकेगी।
डिवाइस की इजाद करने वाले इंक्यूबेट साइबरचक्रा टेक्नोलाजी के संस्थापक सीईओ शुभम पांडेय। स्रोत स्वयं
इससे पता चल जाएगा कि डेटा एनालाइज करने के दौरान कितना बदलाव हुआ है। अब अपराधी को डेटा छेड़छाड़ या परिवर्तन से बचाव का मौका नहीं मिलेगा। इसका फायदा उन लोगों को भी मिलेगा, जिनका किसी अपराध में संलिप्तता नहीं है। किसी सरकारी या निजी कार्यालय का कर्मचारी भी अपने कार्यकाल के डेटा के आधार पर अपना बचाव कर सकेगा। इसका एक फायदा उन निर्दोष लोगों को भी मिलेगा, जिन्हें जांच एजेंसी में शामिल प्रभावशाली अधिकारी साजिश के तहत डेटा में बदलाव कर फंसाना चाहता हो।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इससे पता चल जाएगा कि डेटा एनालाइज करने के दौरान कितना बदलाव हुआ है। अब अपराधी को डेटा छेड़छाड़ या परिवर्तन से बचाव का मौका नहीं मिलेगा। इसका फायदा उन लोगों को भी मिलेगा, जिनका किसी अपराध में संलिप्तता नहीं है। किसी सरकारी या निजी कार्यालय का कर्मचारी भी अपने कार्यकाल के डेटा के आधार पर अपना बचाव कर सकेगा। इसका एक फायदा उन निर्दोष लोगों को भी मिलेगा, जिन्हें जांच एजेंसी में शामिल प्रभावशाली अधिकारी साजिश के तहत डेटा में बदलाव कर फंसाना चाहता हो।
ये हैं विशेषताएं
- मोबाइल फोन या कंप्यूटर में मौजूद फोटो, आडियो, वीडियो या टेक्स्ट को सामान्य तौर पर कापी करने के दौरान मदरबोर्ड में परिवर्तन दर्ज होता है, जबकि चक्रा इमेजर से कापी करने में कोई परिवर्तन नहीं होता। किसी दूसरे कंप्यूटर या मोबाइल में जब यह डेटा ट्रांसफर होगा तो वह पहले कंप्यूटर का क्लोन बन जाएगा। उसमें साप्टवेयर की लोकेशन भी वही रहेगी, जो पहले कंप्यूटर में है।
- कंप्यूटर को जितनी बार कोई कमांड दी जाती है, वह सब कुछ मदरबोर्ड में दर्ज रहता है। जो डेटा डिलीट कर दिया गया है, वह भी रहता है। क्लोन कापी से पता चल जाएगा कि कब- कब क्या डिलीट किया गया। इसको पता करने की प्रक्रिया का असर मूल कंप्यूटर पर नहीं होगा।
- विदेशी कंपनियों ने ऐसे इमेजर विकसित किए हैं, जो भारत में 10 से 12 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। चक्रा इमेजर महज तीन लाख रुपये में तैयार किया गया है। इसे पुलिस का सिपाही भी हैंडल कर सकेगा। इसके संचालन में कंपनी की ओर से आनलाइन मदद भी की जाएगी।