नम आंखों से दी सेना के जवान को अंतिम विदाई, अंबाला में हुई थी हत्या, बेटे का शव देख फफक पड़े पिता
कानपुर निवासी फौजी की अंबाला में बेरहमी से हत्या कर दी गई। आज फौजी का पार्थिव शरीर कानपुर उसके गांव पहुंचा तो बुजुर्ग माता पिता बेटे को देख फफक कर रो दिये। पिता ने कहा मेरे बेटे की तो किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी। किसने उसकी हत्या कर दी। वहीं फौजी की पत्नी का फोन पुलिस ने जब्त किया है।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sat, 09 Sep 2023 02:43 PM (IST)
कानपुर देहात, जेएनएन। सेना के जवान पवनशंकर का अंतिम संस्कार दुर्वासा ऋषि आश्रम के पास सेंगुर नदी किनारे किया जा रहा है। सेना के जवानों ने शस्त्र सलामी दी इस दौरान स्वजन का रोकर बुरा हाल हो गया। परिवार की मांग है कि घटना के पीछे जो भी साजिश व हत्यारा हो पुलिस उसे जल्द पकड़कर सामने लाए। वह भी परेशान हैं कि आखिर किसी से कोई दुश्मनी नहीं है तो यह कैसे हो गया। शनिवार सुबह पवनशंकर का शव लेकर पत्नी रागिनी, चचेरे भाई सर्वेश व अंकित यहां लेकर पहुंचे।
बेटे का शव देख फफक कर रो दिए बुजुर्ग माता-पिता
शव पहुंचते ही घर पर पिता प्रेमशंकर व मां मुन्नी देवी का रोकर बुरा हाल हो गया। बहन अंजू गश खाकर गिर पड़ी और रोते हुए बोली कि भैया ने रक्षाबंधन पर आने का वादा किया था पर पता नहीं था कि अब ऐसा हो जाएगा। मेरे भाई जो भी हत्यारा है उसे सामने लाया जाए तभी आत्मा को शांति मिल सकेगी। जवान के स्वजनों को रोते बिलखते देख ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं, उनकी भी मांग है कि सच सामने आना चाहिए। इसके बाद शव को सेंगुर नदी किनारे ले जाया गया है। जहां पर अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है।
पत्नी व बच्चे छह माह पूर्व ही रहने चले गए थे अंबाला
सेना के जवान पवनशंकर की मौत की खबर उनके बूढ़े माता पिता से छिपाई गई लेकिन शुक्रवार दोपहर बाद जब घर पर भीड़ आने लगी तो पता चलने पर फफक कर रो पड़े। किसी से कोई दुश्मनी न होने की बात कही और साजिश के तहत मैसेज भेजने का शक जता रहे हैं। बताया कि रक्षाबंधन पर आने का वादा किया था पर छुट्टी न मिलने के चलते आ न सके। काश छुट्टी मिलती और आ गए होते तो शायद जान न जाती। वहीं चचेरे भाई यहां से अंबाला पहुंच और देरशाम शव को लेकर यहां के लिए रवाना हुए थे। आज दुर्वासा आश्रम किनारे अंतिम संस्कार किया किया गया।
पत्नी का मोबाइल जब्त, पुलिस ने सर्विलांस पर लगाया नंबर
पवनशंकर की पत्नी रागिनी का मोबाइल पुलिस ने जमा कर लिया है और मैसेज जिस नंबर से आया उसका पता सर्विलांस से किया जा रहा। बरौर के कैलई गांव के रहने वाले पवनशंकर छह माह पूर्व ही पत्नी रागिनी, बेटी प्रनी व आरोही को लेकर अंबाला चले गए थे। इससे पूर्व पत्नी व बच्चे कानपुर के नौबस्ता आवास विकास में किराये पर रह रहे थे जहां बच्चों की पढ़ाई चल रही थी। गांव में पिता प्रेमशंकर व मां मुन्नी रहतीं हैं। दोनों से बेटे पवनशंकर की मौत की बात छिपाई गई जिससे उन्हें सदमा न लग जाए।आसपास के लोगों की भीड़ जुट तब पिता को चला था बेटे की मौत का पता
शुक्रवार दोपहर को धीरे धीरे जब रिश्तेदार व आसपास के लोगों की भीड़ जुटने लगी तो उन्हें पता चल गया। पिता ने बताया कि वह खेती किसानी यहां करते हैं, किसी से कोई रंजिश कभी नहीं रही है, बेटा भी त्योहार व शादी के मौके पर आता था, बाकी नौबस्ता में बच्चे व पत्नी रह रहे थे लेकिन मार्च में होली में आखिरी बार आया था तो परिवार को साथ ले गया था।यहां से अंबाला गए चचेरे भाई सर्वेश व अंकित ने बताया कि रेलवे लाइन किनारे शव मिला। शनिवार को अंतिम संस्कार दुर्वासा आश्रम किनारे सेंगुर नदी के पास किया जाएगा। पुलिस ने भाभी का फोन अपने पास ले लिया है, सर्विलांस से जांच की बात कही जा रही है। हम लोग भी चाहते हैं कि आखिर सच्चाई क्या है सामने आए। हमारे भैया के साथ क्या हो गया समझ नहीं आ रहा है।
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