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कानपुर में खाद्य टीम को लेना पड़ा पैरा पैरामिलिट्री फोर्स का सहारा, मांस की कई दुकानें कराई बंद; मची खलबली

कानपुर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने बीएसएफ और पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की। बिना लाइसेंस और गंदगी के बीच चल रही चार मांस बिक्री की दुकानों को बंद कराया गया। छह दुकानों को खुले में मांस बेचने और रखरखाव में कमियों पर नोटिस जारी किए गए। इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

By shiva awasthi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 14 Nov 2024 12:29 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, कानपुर। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिम इलाके बजरिया में बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने चुनाव में लगी बीएसएफ व पुलिस के साथ छापेमारी की। बिना लाइसेंस और गंदगी के बीच चल रहीं चार मांस बिक्री की दुकानों को बंद कराया गया, जबकि छह में खुले में मांस बेचने, रखरखाव में कमियों पर चेतावनी देते हुए नोटिस देकर जवाब मांगा गया।

सहायक आयुक्त खाद्य-दो संजय प्रताप सिंह ने बताया कि बजरिया क्षेत्र में दुकानों में लाइसेंस न होने के कारण अवैध ढंग से मांस बेचने की बात सामने आई थी। इस पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन व बजरिया पुलिस की संयुक्त रूप से कार्रवाई पर क्षेत्र में हलचल रही। किसी विरोध की आशंका के चलते पुलिस व पैरामिलिट्री फोर्स भी साथ रही।

जांच के बाद चार दुकानों में गंदगी मिलने, लाइसेंस नहीं होने, खुले में मांस बिक्री, कर्मियों के ठीक से दस्ताने नहीं पहनने पर बंद करा दिया गया। छह के पास लाइसेंस था, लेकिन मांस बेचने के लिए जरूरी इंतजाम नहीं मिले। इस पर उन्हें ठीक से व्यवस्था रखने के लिए कहा गया।

कंघी मोहाल, मुन्नापुरवा, कर्नलगंज, नाला रोड, बेकनगंज में संचालित चिकन एवं मीट की दुकानों की जांच कर नमूने भी भरे गए। इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। सहायक आयुक्त खाद्य-दो ने बताया कि बिना लाइसेंस के मांस बेचने वाले दुकानदारों को चेतावनी देते हुए दुकानें बंद कराई गईं।

सभी को लाइसेंस जारी कराने के बाद ही मांस बेचने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले भी बीएसफ व पुलिस के साथ मेडिकल स्टोर, अवैध निर्माण और बिजली चोरी के मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है।

घर में बेड पर पड़ा मिला महिला बैंक मैनेजर का तीन दिन पुराना शव

कल्याणपुर के गूबा गार्डेन स्थित आनंद अपार्टमेंट में रहने वालीं महिला बैंक मैनेजर का शव उनके ही घर में बेड पर पड़ा मिला। वह तीन दिनों से दिखाई नहीं पड़ रही थीं। रिश्तेदारों की सूचना पर पुलिस पहुंची। आशंका जताई जा रही है कि तीन दिन पहले उनकी मृत्यु हुई होगी।

पुलिस हत्या, आत्महत्या या स्वाभाविक मौत तीनों बिंदुओं पर जांच कर रही है। गूबा गार्डेन के आनंद अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 403 में फर्रुखाबाद के आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में मैनेजर मेघा नायक रहती थीं। पिछले तीन दिनों से उन्हें किसी ने घर से बाहर निकलते नहीं देखा।

मुंबई में रहने वाले पिता रामजी लाल भी पिछले तीन दिनों से फोन पर बेटी से संपर्क कर रहे थे, लेकिन फोन न उठाने पर औरैया के दिबियापुर में रहने वालीं नजदीकी रिश्तेदार ऊषा देवी को सूचना दी। वह घर पहुंची तो बाहर से सेंट्रल लाक था। उन्होंने अपने पास मौजूद चाभी से सेंट्रल लाक खोला और अंदर गईं तो मेघा का शव बेड पर पड़ा दिखाई दिया। उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

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