Indian Railway रविवार को प्रयागराज में नान इंटरलाकिंग कार्य के कारण वंदे भारत समेत 17 ट्रेनें 3 से 8 घंटे तक देरी से चलीं। 1945 यात्रियों ने अपने टिकट वापस कर दिए जबकि 90 यात्रियों को कनेक्टिंग आरक्षण के चलते दूसरी ट्रेनों से सफर करने की अनुमति दी गई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सोमवार तक यह समस्या बनी रहेगी।
जागरण संवाददाता, कानपुर। (Indian Railway) प्रयागराज में नान इंटरलाकिंग कार्य के चलते रविवार को भी सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत (Vande Bharat) समेत एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें देरी से सेंट्रल पहुंचीं। इस दौरान ट्रेनें तीन से आठ घंटे तक लेट रहीं। 1945 यात्रियों ने अपने टिकट वापस किए जबकि 90 यात्रियों को कनेक्टिंग आरक्षण के चलते दूसरी ट्रेनों से सफर की अनुमति दी गई।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सोमवार तक यह समस्या और रहेगी।
ये ट्रेनें देरी से पहुंचीं
वंदेभारत एक्सप्रेस (22416) 13.10 मिनट
वंदेभारत एक्सप्रेस (22415) सात घंटा
वंदेभारत एक्सप्रेस (22436) 7.24 घंटा
मुंबई एलटीटी गोरखपुर 7.15 घंटे
भुवनेश्वर आनंद विहार एक्सप्रेस 4.30 घंटे
सीमांचल एक्सप्रेस 5.15 घंटे
नार्थईस्ट एक्सप्रेस पांच घंटा
नई दिल्ली भागलपुर एक्सप्रेस चार घंटा
दानापुर आनंद विहार स्पेशल 5.30 घंटा
आम्रपाली एक्सप्रेस तीन घंटा
मालदा टाउन बांद्रा टर्मिनस स्पेशल छह घंटा
दरभंगा नई दिल्ली स्पेशल छह घंटा
मदुरई कानपुर स्पेशल आठ घंटा देरी से सेंट्रल स्टेशन पहुंची।
ट्रेनों को 160 किमी. गति से चलाने को लेकर चीफ ब्रिज इंजीनियर ने देखा रेल गंगापुल
मिशन रफ्तार के तहत दिल्ली से आए उत्तर रेलवे के चीफ ब्रिज इंजीनियर एसके सपरा ने रविवार को अपराह्न लगभग 3:45 बजे रेल गंगापुल का निरीक्षण किया। उन्होंने लगभग 45 मिनट तक अप और डाउन ट्रैक से लेकर गंगापुल क्रासिंग तक का निरीक्षण किया। वह सेल्फ प्रोपेल्ड इंस्पेक्शन कार से अन्य रेलवे अधिकारियों के साथ गंगाघाट रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। जहां से पुशट्राली से गंगा रेलवे पुल तक गए।
चीफ इंजीनियर ने ब्रिज का किया निरीक्षण
चीफ ब्रिज इंजीनियर एसके सपरा ने बताया कि मिशन रफ्तार के तहत कानपुर लखनऊ रेल ट्रैक पर 160 किमी. प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाए जाने को लेकर रेल गंगापुल का निरीक्षण किया गया है। रेलवे पुल में अप व डाउन दोनों ट्रैक पर 160 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों को चलाने में ट्रैक को मजबूत करने के लिए जो भी अन्य कार्य कराए जाने हैं। उनकी जानकारी की जा रही है।
लखनऊ से कानपुर तक हैं कुल 36 फाटक
उन्होंने बताया कि लखनऊ से कानपुर तक कुल 36 फाटक हैं। जिनमें 21 पर रेल अंडर ब्रिज बनाए जाने हैं। वहीं 15 फाटकों पर रेल ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। निरीक्षण के दौरान मंडल इंजीनियर प्रवीण सिंह व सहायक इंजीनियर राहुल समेत अन्य रेल अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
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