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'भारतीयों पर किया जा रहा हमला, दहशत में रातभर जागते', बांग्लादेश में फंसे कानपुर के परिवार ने बयां किया दर्द

Bangladesh Protest बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बीच कानपुर जिले के बर्रा आठ का एक परिवार भी कई दिनों से फंसा हुआ है। बांग्लादेश में फंसे सुशील ने अपने स्वजनों से बताया कि वह जिस अपार्टमेंट में हैं वहां पर 23 और भारतीय परिवार हैं। बांग्लादेश के लोग भारतीयों को खोज रहे हैं। उन पर हमला करा जा रहा है। वह दहशत में रातभर जागते हैं।

By ankur Shrivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 07 Aug 2024 08:29 AM (IST)
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बांग्लादेश हिंसा में फंसे प्रोजेक्ट मैनेजर सुशील सिंह के पिता अवधेश सिंह चौहान,बीच मे भाई रोहित और मां राजेश चौहान।

जागरण संवाददाता, कानपुर। बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बीच बर्रा आठ का एक परिवार कई दिनों से फंसा हुआ है, जिसकी वजह से उनके स्वजन भी काफी डरे-सहमे हैं। उनका कहना है कि सुबह हो या रात, जब भी मोबाइल की घंटी बजती है तो अनहोनी की आशंका में परिवार सिहर उठता है। हाथ कांपते हैं। सभी भगवान का नाम लेकर फोन उठाते हैं।

स्वजन का कहना है कि बांग्लादेश में फंसा बेटा खिड़की से झांकता है तो बाहर सैकड़ों उपद्रवी दिखते हैं। दहशत में बेटे-बहू रातभर जागते रहते हैं। पिता ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर बेटे-बहू और पौत्र को वापस लाने की गुहार लगाई है।

बर्रा आठ निवासी अवधेश सिंह चौहान के परिवार में पत्नी राजेश सिंह, 36 वर्षीय बेटा सुशील सिंह चौहान, रोहित और मोहित हैं। पिता ने बताया कि सुशील वर्ष 2021 से बांग्लादेश के ढाका से 150 किमी दूर मीरपुरनाथ की ट्रांसरेल लाइटिंग कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। पांच फरवरी को सुशील घर आया था। 14 से 22 फरवरी तक घर पर भागवत रखी गई तो पूरा परिवार शामिल हुआ था।

एक ही अपार्टमेंट में रहते हैं 23 भारतीय परिवार

23 फरवरी को सुशील बहू पारुल और पांच वर्षीय पौत्र नाभिथ को साथ ले गया था। वह वहां जिस अपार्टमेंट में रहता है, वहां 23 और भारतीय परिवार रहते हैं, जिनमें एक फतेहपुर का सुनील कुमार भी है।

बांग्लादेश के लोग भारतीयों को खोज रहे हैं। उन पर हमला कर रहे हैं। बेटा जिस अपार्टमेंट में रहता है, वहां भी उसके मालिक से भारतीयों के बारे में पूछा गया लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया।

अपार्टमेंट में बिजली बंदकर परिवार रह रहा है, जबकि घर के बाहर उपद्रवी हंगामा करते दिख रहे हैं। सुशील के भाई रोहित ने बताया कि जब भी मोबाइल की घंटी बजती है तो हाथ कांपने लगते हैं। भाई सुशील वहां से फोन कर निकलने के बारे में और हालात को लेकर पूछते रहते हैं। वहां उन्हें कोई समाचार नहीं मिल पा रहा है। सुशील ने बताया कि जब वहां के लोगों को पता चला कि शेख हसीना देश छोड़ गईं तो वे जश्न मनाने लगे थे। सुशील बाहर निकलने के लिए परेशान हैं।

बेटे की सलामती के लिए मां ने पूरे सावन रखा व्रत

सुशील की मां राजेश सिंह ने बताया कि बेटे की सलामती और सुरक्षित वापसी के लिए उन्होंने पूरे सावन व्रत रखा हुआ है। बस उनके बेटे-बहू व पौत्र वापस आ जाएं, अब दोबारा कभी उन्हें नहीं भेजेंगे। सोमवार रात 11 बजे और मंगलवार सुबह नौ बजे भी फोन आया था। बेटा घबराया हुआ है। कई बार तो वह रोने तक लगता है। वह सिर्फ वहां से निकलने के लिए सरकार क्या कर रही है, इसके बारे में जानकारी लेता और अपने बारे में बताता है।

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