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कानपुर को पुरानी पहचान दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर इंडस्ट्रियल हब बनाने की तैयारी

ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर इंडस्ट्रियल हब से नए उद्योगों के जरिये कानपुर की पुरानी पहचान दिलाई जाएगी। जल्द रोड मैप उपलब्ध कराएं ताकि मुख्यमंत्री और केंद्रीय के सामने रखा जा सके।

By Edited By: Updated: Wed, 10 Oct 2018 10:47 AM (IST)
कानपुर को पुरानी पहचान दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर इंडस्ट्रियल हब बनाने की तैयारी
जागरण संवाददाता, कानपुर: ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर शहर में भी इंडस्ट्रियल हब बनेगा। इससे नए उद्योगों के जरिये कानपुर की पुरानी पहचान दिलाई जाएगी। मुख्य सचिव ने मंडलायुक्त को इंडस्ट्रियल हब अफसरों व उद्यमियों के साथ बैठक करने की जिम्मेदारी दी है। मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पांडेय ने सोमवार को प्रमुख सचिव उद्योग, नगर विकास, आवास और ऊर्जा, मंडलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा और केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह के साथ बैठक की थी।
उन्होंने कहा, उद्यमियों की सुविधाओं को देखते हुए आधुनिक स्तर पर इंडस्ट्रियल हब बनाया जाए। मंडलायुक्त को आदेश दिए कि केडीए, यूपीएसआइडीसी, नगर निगम व अन्य संबंधित अफसरों और उद्यमियों के साथ बैठक करके रोड मैप तैयार करें। इसमें इस बात का ख्याल रखा जाए कि उद्यमी कैसी सुविधा चाहते हैं। जल्द रोड मैप तैयार करके उपलब्ध कराएं ताकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने रखा जा सके। धन की कोई कमी नहीं आएगी।
सॉफ्टवेयर पार्क समेत नए उद्योगों पर जोर
मुख्य सचिव ने बैठक में कहा, कानपुर में सॉफ्टवेयर पार्क समेत नए उद्योगों की स्थापना पर ज्यादा जोर होगा। चमड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मेगा लेदर क्लस्टर और लेदर पार्क बनाने की कवायद चलती रहेगी। एग्रो प्रोडक्ट्स तैयार करने वाली यूनिट की स्थापना की जाएगी।
केडीए के पास सबसे बड़ा लैंड बैंक
मुख्य सचिव ने कहा कि केडीए के पास शहर में बहुत ज्यादा जमीन है। सबसे बड़ा लैंड बैंक उसी के पास है इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। नजूल, ग्राम सभा और सरकारी विभागों की भूमि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यूपीएसआइडीसी ने बैराज में ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी विकसित की थी। यहां पर 17 सौ करोड़ रुपये के काम होने थे।
सीएम व गडकरी से मिले थे उद्यमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर उद्यमियों ने कहा था कि अगर कानपुर को उसकी पुरानी पहचान मिल जाए तो एक बार फिर से विश्व में इस शहर की धमक होगी।
इनका कहना है 
मुख्य सचिव के आदेश पर शहर में भूमि की तलाश में जुट गए हैं। सॉफ्टवेयर और एग्रो पार्क के लिए संभावनाओं की तलाश शुरू हो गई है। परियोजना पर बजट आड़े नहीं आएगा। ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी को भी विकल्प के रूप में देखा जा सकता है। -किंजल सिंह, उपाध्यक्ष केडीए
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