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कानपुर देहात में बुर्का पहनकर घूम रहा था डाक्टर का चालक, आतंकी समझकर लोगों ने दौड़ाकर पीटा

स्टाफ व सखी केंद्र की निधि सचान टीम के साथ पहुंचीं। उन्होंने जैसे ही रईश को आवाज दी तो वह भागने लगा और महिला अस्पताल की इमरजेंसी में घुस गया। वह परिसर के बाहर आक्सीजन प्लांट की दीवार फांदने लगा तभी लोगों ने उसे दबोच लिया और पीटा

By Akash DwivediEdited By: Updated: Wed, 08 Sep 2021 10:52 PM (IST)
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जिला अस्पताल महिला में बुर्के में पकड़ा गया रईश। सौ. स्वास्थ्यकर्मी
कानपुर, जेएनएन। जिला अस्पताल में बुर्का पहनकर घूम रहे महिला डाक्टर के कार चालक रईश की लोगों ने पिटाई कर दी। सीओ, इंस्पेक्टर और एलआइयू की टीम ने पूछताछ की तो वह बेवजह की बातें करने लगा। कानपुर के चमनगंज निवासी जमील का बेटा रईश सीएचसी अकबरपुर में कार्यरत कानपुर निवासी डा. गजाला अंजुम की कार चलाता है। बुधवार को वह ड्यूटी पर आई थीं। कार खड़ी करने के बाद रईश बुर्का और महिलाओं के कपड़े पहनकर पहले जिला अस्पताल पुरुष और बाद में जिला अस्पताल महिला में घूमने लगा। कुछ महिलाओं को उसके पैर देखकर शक हुआ तो स्टाफ को बताया।

इसके बाद स्टाफ व सखी केंद्र की निधि सचान टीम के साथ पहुंचीं। उन्होंने जैसे ही रईश को आवाज दी तो वह भागने लगा और महिला अस्पताल की इमरजेंसी में घुस गया। वह परिसर के बाहर आक्सीजन प्लांट की दीवार फांदने लगा, तभी लोगों ने उसे दबोच लिया और पीटा। सीओ अरुण कुमार व थाना प्रभारी अकबरपुर तुलसीराम पांडेय पहुंचे और उसे पकड़कर थाने लाए। पुलिस पूछताछ में उसने कहा कि कभी शैतान हावी होने और कभी लघुशंका लगने पर टोकने से बचने के लिए बुर्का पहनता है। एलआइयू टीम ने भी बंद कमरे में पूछताछ की। सीओ ने बताया कि उससे कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। लोगों ने उसे आतंकी समझकर शोर मचाया, जिससे अस्पताल में दहशत फैल गई। उसके पकड़े जाने पर डाक्टर का चालक होने की बात सामने आने पर सबने राहत की सांस ली।

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