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पढि़ए, शहर में विकास के मुद्दे पर केडीए उपाध्यक्ष का साक्षात्कार

केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह ने कहा, बंगलुरु की तर्ज पर शहर को आइटी हब के रूप में विकसित करेंगे। सॉफ्टवेयर पार्क भी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

By AbhishekEdited By: Updated: Sun, 14 Oct 2018 05:53 PM (IST)
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पढि़ए, शहर में विकास के मुद्दे पर केडीए उपाध्यक्ष का साक्षात्कार
कानपुर। पार्किंग समस्या न होने से वाहन फुटपाथ पर खड़े होते हैं जो जाम का कारण बन जाते हैं। इससे शहरवासियों को परेशानी होती है। कैटल कॉलोनी न होने से आवारा जानवर भी मुसीबत बनते हैं। रेलवे क्रासिंग पर लगने वाला जाम और पार्कों में उड़ रही धूल भी बड़ी समस्या है। बेरोजगारों का पलायन और शहर का विकास जैसे तमाम मुद्दे हैं जिनका समाधान बेहद जरूरी है। केडीए के पास इसकी क्या योजना है इस विषय पर दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता दिग्विजय सिंह की केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश...

एक नजर में परिचय

नाम : किंजल सिंह 

पद : केडीए उपाध्यक्ष

शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी में गोल्ड मेडलिस्ट

बैच : 2008 बैच की आइएएस अफसर 

अनुभव : फैजाबाद, बहराइच, सीतापुर व लखीमपुर खीरी में डीएम रह चुकी हैं।

प्रश्न : पार्किंग स्थल न होने की वजह से सड़कों पर वाहन खड़े हो रहे हैं और जाम लग रहा है। इससे कैसे निजात मिलेगी?

उत्तर : नवीन मार्केट और कैनाल पटरी पर मल्टीलेवल पार्किंग बन गई है। गणेश उद्यान फूलबाग में निर्माण हो रहा है। दर्शनपुरवा स्थित पार्क में जगह चिह्नित हो गई है। कुछ और स्थलों पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाएंगे।

प्रश्न : शहर का औद्योगिक स्वरूप खो चुका है उसे वापस लाने का कोई प्रयास केडीए उपाध्यक्ष के नाते आप क्यों नहीं करतीं?

उत्तर : शहर को इंडस्ट्रियल हब बनाने की तैयारी है। कार्ययोजना बन रही है। बेंगलूरू की तरह शहर को आइटी हब के रूप में विकसित करेंगे। सॉफ्टवेयर पार्क भी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

प्रश्न : अरबों रुपये खर्च कर न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना की गई, लेकिन कारोबार वहां शिफ्ट करा पाने में केडीए क्यों नाकाम है ?

उत्तर : त्योहार समाप्त होने के बाद ट्रांसपोर्टरों से बातचीत कर कारोबार शिफ्ट कराएंगे। जो समस्याएं होंगी उन्हें दूर करेंगे। ट्रांसपोर्टनगर शहर में होने से जाम लगता है। इस समस्या का समाधान हर हाल में करेंगे।

प्रश्न : शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए केडीए के पास कोई विशेष प्लान?

उत्तर : शासन स्तर पर शहर में गंगा लिंक एक्सप्रेस वे (फ्लाईओवर) बनाने को लेकर चर्चा हुई है। प्रोजेक्ट अच्छा है। इसके बन जाने के बाद जाम की समस्या समाप्त होगी। मेट्रो प्रोजेक्ट पर तेजी से काम होगा

प्रश्न : केडीए ने जो पार्क बनाए हैं उनमें झूले टूटे पड़े हैं। पेड़ सूख गए हैं। तमाम पार्कों में कोई सुविधा नहीं है। ऐसे पार्क बनाने से क्या फायदा?

उत्तर : बुद्धा पार्क इंदिरा नगर को विकसित करने की योजना बना ली गई है। शहर के बड़े पार्कों को चिह्नित कर सुविधाओं के विकास की तैयारी है। कुछ को म्यूजिकल पार्क के रूप में विकसित करेंगे। दिव्यागों के लिए भी एक प्ले हाउस बनाएंगे ताकि वे वहां सुकून के कुछ पल बिता सकें।

प्रश्न : बोट क्लब बना, लेकिन उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है?

उत्तर : अभी काम चल रहा है।

प्रश्न : आवास की जरूरतों को पूरा करने के लिए भविष्य में कौन सी योजनाएं लांच की जाएंगी?

उत्तर : फिलहाल पूरा ध्यान बन चुके फ्लैटों की बिक्री करने पर है। उसके बाद अन्य योजनाओं पर विचार होगा।

प्रश्न : चट्टा संचालक दूध निकालने के बाद पशुओं को छोड़ देते हैं। केडीए आखिर क्यों कैटल कालोनी नहीं बना रहा है?

उत्तर : अभी जो कालोनी बनी है वहां पूरी तरह से चट्टे शिफ्ट नहीं हुए हैं। नगर निगम शिफ्ट करा रहा है। जरूरत होगी तो आगे प्लान बनाएंगे।

प्रश्न : अवैध निर्माण रोकने के लिए कोई विशेष योजना?

उत्तर : वक्त का इंतजार करें। अवैध निर्माण और केडीए की संपत्ति पर कब्जे नहीं होने देंगे। संपत्तियों की निगरानी और उसके रिकार्ड के लिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया जा रहा है।

प्रश्न : केडीए की भूमि पर लोग कब्जा करते हैं और प्लाटिंग कर बेचते हैं। मुकदमा लडऩे के अलावा केडीए के अफसर कुछ नहीं कर पा रहे हैं आखिर क्यों?

उत्तर : जिस भूमि पर स्टे है उसे समाप्त कराने के लिए पैरवी की जा रही है। कब्जे चिह्नित हैं और एक- एक इंच भूमि खाली कराएंगे।

प्रश्न : सड़कें बनने के कुछ दिन बाद ही टूट जाती हैं। क्या आपको नहीं लगता कि बनाने में अनियमितता हो रही है?

उत्तर : 14 सड़कों का निर्माण कराने जा रहे हैं। सड़कें गुणवत्तापूर्ण बनें इसके लिए निर्माण के साथ ही जांच भी कराएंगे। कमी होगी तो अभियंताओं पर कार्रवाई करेंगे।

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