ITR Filing: 31 जुलाई थी आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख, अब लगेगा विलंब शुल्क; संशोधित भी नहीं मुमकिन
आयकर रिटर्न फाइल करने का निर्धारित समय 31 जुलाई तक ही था। अब जो भी रिटर्न फाइल होगा विलंब शुल्क के साथ होगा । अब जो रिटर्न फाइल करेंगे अगर उसमें कोई गलती होती है तो उसे संशोधित नहीं कर सकेंगे। चार्टर्ड अकाउंटेंट शिवम ओमर के मुताबिक 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने वालों को कई सुविधाएं मिलती हैं ।
जागरण संवाददाता, कानपुर। आयकर रिटर्न फाइल करने का निर्धारित समय 31 जुलाई तक ही था। अब जो भी रिटर्न फाइल होगा, विलंब शुल्क के साथ होगा। लेकिन, देखा जाए तो कारोबारियों के लिए विलंब शुल्क कोई समस्या नहीं है, उनकी असली परेशानी तो दूसरी है। अब वे जो रिटर्न फाइल करेंगे, अगर उसमें कोई गलती होती है तो उसे संशोधित नहीं कर सकेंगे।
बुधवार को आयकर रिटर्न फाइल करने का समय गुजर गया। देश भर में सात करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न फाइल किए गए हैं। 50 लाख से ज्यादा रिटर्न तो सिर्फ 31 जुलाई को ही फाइल हुए। टैक्स सलाहकारों के मुताबिक रिटर्न फाइल करने की आपाधापी इसलिए थी, क्योंकि अगर 31 जुलाई तक जिनके रिटर्न फाइल नहीं होंगे तो कोई गड़बड़ी होने पर उन्हें संशोधित नहीं कर सकते थे।
31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने के हैं फायदे
31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने का मतलब है कि अगर रिटर्न में कोई गलती चली गई होगी तो उसे संशोधित कर सकते हैं। इसमें बड़ा संकट यह भी है कि अगर रिटर्न फाइल करते समय उसमें अपनी आय ज्यादा दिखा दी तो उसी बढ़ी आय पर टैक्स देना होगा। उसे चाहते हुए भी ठीक नहीं कर सकेंगे।कारोबार में घाटा होने पर आयकर में उसे अगले वर्ष के लाभ के साथ समायोजित करने की सुविधा भी रहती है लेकिन अब विलंब से रिटर्न फाइल करने की स्थिति में यह सुविधा नहीं मिलेगी। इससे अगले वर्षों के लाभ का जो टैक्स बचाया जा सकता था, उसे कारोबारी बचा नहीं सकेंगे। चार्टर्ड अकाउंटेंट शिवम ओमर के मुताबिक 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने वालों को कई सुविधाएं मिलती हैं। अब जिन लोगों ने समय से रिटर्न फाइल नहीं किए हैं, उन्हें कई नुकसान उठाने पड़ेंगे।
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