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Janmashtami 2021: कानपुर देहात की जेल में 19 साल से कैद हैं 'कान्हा', जानिए - क्या है इसका रहस्य

Janmashtami 2021 प्रति वर्ष जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का पूजन किया जाता है। वह बलराम व राधाजी संग बाहर आते हैं। मालखाने से पुलिसकर्मी उन्हेंं बाहर निकालते हैं। इसके बाद स्नान कराने के बाद नए वस्त्र पहनाकर श्रृंगार कर उनका पूजन किया जाता है।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Mon, 30 Aug 2021 09:27 PM (IST)
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शिवली थाने में भगवान श्रीकृष्ण, बलराम व राधाजी का पूजन करतीं युवतियां।
कानपुर देहात, [जागरण स्पेशल]। Janmashtami 2021 भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही मथुरा में कंस की कैद से उन्हें तुरंत मुक्ति मिल गई थी। इसी तरह शिवली थाने में 19 बरस से 'कैदÓ कान्हा को भी जन्माष्टमी पर मुक्ति मिलती है। बस एक दिन के लिए, अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए। इस दिन पुलिसकर्मी पूजन करने के बाद उन्हें फिर मालखाने में कैद कर देते हैं। पूजन में आसपास के लोग भी दर्शन को आते हैं। सोमवार को भी भगवान की रिहाई हुई। उन्हेें बाहर निकाला गया और विधिवत उनका पूजन हुआ। 

जन्माष्टमी पर पूजन के लिए बाहर आते भगवान: प्रति वर्ष जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का पूजन किया जाता है। वह बलराम व राधाजी संग बाहर आते हैं। मालखाने से पुलिसकर्मी उन्हेंं बाहर निकालते हैं। इसके बाद स्नान कराने के बाद नए वस्त्र पहनाकर श्रृंगार कर उनका पूजन किया जाता है। पूजन में सर्वराकार का परिवार शामिल होकर भोग लगाता है। थाना प्रभारी आमोद कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमे में चोरी का माल दर्ज होने के कारण मूर्तियों को मालखाने में ही रखा गया है। श्रद्धाभाव से जन्माष्टमी पर पूजन कर प्रसाद वितरण कर वापस दोबारा से इन्हेंं अंदर रख दिया जाता है। सोमवार को भी स्नान व पूजन कराया गया।

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यह है रहस्य: मंदिर से गायब होकर श्रीकृष्ण के कैद में पहुंचने की घटना वर्ष 2002 में हुई। शिवली में 12 मार्च को मंदिर से श्रीकृष्ण, राधा और बलराम की तीन बड़ी, दो छोटी अष्टधातु की मूॢतयां चोरी हो गई थीं। मंदिर के सर्वराकार आलोक दत्त ने शिवली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस टीम ने सुराग लगाना शुरू किया। मुखबिर की मदद से एक सप्ताह में ही चोर को पकड़कर मूर्तियां बरामद कर ली थीं। बस उसी के बाद से ये अष्टधातु की मूॢतयां थाने के मालखाने में कैद हो गईं जो कि आज तक हैं। सर्वराकार कहते हैं, कानूनी दांवपेंच में मामला फंसा है, बाकी प्रभु की लीला व मर्जी है। वैसे पुलिस के पास इन मूर्तियों की सुरक्षा है, इसलिए थोड़ा निश्चिंत भी हैैं।  

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