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निजी हाथों में चला जाएगा जूही रेलवे यार्ड कंटेनर डिपो, नवंबर 2019 में ही स्वीकृत हो गए थे प्रस्ताव

अभी कॉनकोर के 54 फीसद शेयर सरकार के पास हैैं बाकि 46 प्रतिशत शेयर बैैंक और अन्य संस्थाओं के हिस्से में। कानपुर में तीन इनलैंड कंटेनर डिपो हैं। इन्हेंं ड्राई पोर्ट भी कहा जाता है। इसमें चकेरी का संचालन सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के हाथों में है।

By Rahul MishraEdited By: Updated: Sat, 06 Feb 2021 11:34 AM (IST)
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निवेश को बढ़ावा देने के लिए जूही रेलवे यार्ड निजी कंपनी को दिया जाएगा। प्रतीकात्मक चित्र

कानपुर, जेएनएन। गोविंदपुरी स्टेशन के पास स्थित जूही रेलवे यार्ड स्थित कंटेनर डिपो जल्द ही निजी हाथों में चला जाएगा। अभी इसका संचालन रेलवे के उपक्रम कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर) के हाथों में है। बजट में कॉनकोर के विनिवेश की बात आने से इसकी संभावना तेज हो गई। कानपुर में तीन इनलैंड कंटेनर डिपो हैं। इन्हेंं ड्राई पोर्ट भी कहा जाता है। इसमें चकेरी का संचालन सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के हाथों में है। वहीं, गोविंदपुरी पुल के नीचे स्थित डिपो का संचालन कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया करता है। ये दोनों सरकारी संचालन में हैं। जबकि पनकी डिपो का संचालन निजी हाथों में है। जूही रेलवे यार्ड से हर माह करीब 1,500 कंटेनर माल का आयात-निर्यात होता है। कॉनकोर के विनिवेश की बातें पिछले कई सालों से चल रही हैं और नवंबर 2019 में इसके प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया था, लेकिन कोरोना के चलते इसे बजट में नहीं लाया जा सका। यहां तैनात अधिकारियों के मुताबिक इसकी संपत्तियों का अधिक से अधिक उपयोग हो सके, इसके लिए इसका विनिवेश किया जा रहा है। अभी कॉनकोर के 54 फीसद शेयर सरकार के पास हैं। बाकी 46 फीसद में बैंक व अन्य संस्थाओं के पास शेयर है। सरकार विनिवेश के लिए 30 फीसद शेयर देने जा रही है। इसके बाद सरकार के पास 24 फीसद शेयर बचेंगे। विनिवेश में जो भी निजी कंपनी इसे लेगी, उसके पास सबसे ज्यादा शेयर हो जाएंगे। इससे डिपो के संचालन का नियंत्रण उस निजी कंपनी के हाथ में हो जाएगा।