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कालिंदी एक्सप्रेस प्रकरण: रेलवे ने जिन धाराओं में दर्ज कराया मुकदमा, उनमें उम्रकैद भी हो सकती है

कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस प्रकरण में रेलवे ने साजिश की आशंका जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा रेलवे के जूनियर इंजीनियर ने दर्ज कराया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा ट्रेन को दुर्घटना ग्रस्त करने का प्रयास किया गया था। मुकदमा विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 10 Sep 2024 04:11 AM (IST)
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कालिंदी एक्सप्रेस: रेलवे ने साजिश की आशंका जता कराया मुकदमा

जागरण संवाददाता, कानपुर। कालिंदी एक्सप्रेस प्रकरण में रेलवे ने साजिश की आशंका जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा रेलवे के जूनियर इंजीनियर ने दर्ज कराया है।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

  • धारा 287: आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाहीपूर्ण या जानबूझकर आचरण, जिससे मानव जीवन खतरे में पड़ जाए। छह महीने तक की अवधि के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
  • धारा 125: किसी व्यक्ति की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को जानबूझकर खतरे में डालने वाले कार्य। 125ए के तहत यदि किसी व्यक्ति को मामूली चोट लगती है, तो दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को छह महीने तक की कैद या पांच हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। 

    वहीं, 125बी के तहत किसी व्यक्ति को गंभीर चोट लगती है, तो दोषी व्यक्ति को तीन साल तक की कैद या दस हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

  • विस्फोटक अधिनियम की धारा 4 और 98: विस्फोट करने का प्रयास, जिससे मानव जीवन या संपत्ति खतरे में पड़ जाए। किसी विशेष श्रेणी के विस्फोटक पदार्थ के मामले में कठोर आजीवन कारावास या कठोर कारावास की सजा जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी से दंडित किया जाएगा। जुर्माना से भी दंडनीय होगा।
  • रेलवे एक्ट की धारा 150: दुर्भावनापूर्ण तरीके से ट्रेन को नष्ट करना या नष्ट करने का प्रयास करना। दोषी पाए जाने पर पहली बार तीन साल की कैद, जिसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।
  • रेलवे एक्ट की धारा 151: रेल की किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना। आग या विस्फोटक के माध्यम से। दोषी पाए जाने पर पांच वर्ष तक की कैद, जुर्माना या दोनों।
  • रेलवे एक्ट की धारा 152: रेल द्वारा यात्रा करने वाले व्यक्तियों को दुर्भावनापूर्वक क्षति पहुंचाना या क्षति पहुंचाने का प्रयास करना। आजीवन कारावास या दस वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जाएगा।
  • तहरीर में क्या लिखा गया?

    रेलपथ बिल्हौर के जूनियर इंजीनियर रमेश चंद्र ने शिवराजपुर थाने में दी गई तहरीर में लिखा है कि गाड़ी संख्या 14117 के ड्राइवर ने सूचना दी है कि पोल नंबर 37/08 पर गाड़ी के इंजन से एक गैस सिलेंडर टकराया। 

    रात नौ बजकर 10 मिनट पर जब वह मौके पर पहुंचे तो 37/16-17 में रेलपथ के मध्य एक कांच की बोतल, जिसमें पेट्रोल भरा था और बत्ती लगी थी। पास में ही एक सफेद रंग का बैग रखा था। 

    किमी 37/16-18 के बीच सिलेंडर घिसटने के चिह्न मिले हैं। किमी 37/17-18 में दाहिनी ओर झाड़ी में सिलेंडर भी मिला। इससे प्रतीत होता है कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ट्रेन को दुर्घटना ग्रस्त करने के लिए यह कार्य किया गया है, जिससे जनहानि भी हो सकती थी।

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