चित्रकूट में 75 दिन बाद कामतानाथ स्वामी ने दिए दर्शन, सभी मंदिरों के पट खुलते ही पहुंचे श्रद्धालु
शरीरिक दूरी का पालन कराने के लिए मंदिर के बाहर से सीढ़ियों तक गोले बनाए गए हैं और मास्क लगाने की नोटिस चस्पा की गई है।
चित्रकूट, जेएनएन। धर्म नगरी चित्रकूट में सोमवार सुबह 75 दिन बाद प्रभु कामतानाथ स्वामी ने श्रद्धालुओं को दर्शन दिए। कामतानाथ मंदिर के साथ ही प्रमुख मठ-मंदिरों के पट खुले तो दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का भी सिलिसला शुरू हो गया है। हालांकि सुबह कामदगिरि परिक्रमा पथ पर श्रद्धालु कम नजर लेकिन पट खुलने की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग पहुंचते रहे। इसके साथ ही आसपास के तीर्थ स्थलों के भी पट खुल जाने से दर्शन का सिलिसला शुरू हो गया है।
सोमवार सुबह पांच बजे से कामतानाथ स्वामी मंदिर की सफाई हुई। परिक्रमा पथ पर भी कर्मचारी लगे। प्रमुख द्वार के अधिकारी संत मदन गोपाल दास ने बताया कि मंदिर के बाहर से सीढ़ियों तक गोले बनाए गए हैं। शारीरिक दूरी व मास्क लगाने को लेकर जगह-जगह नोटिस चस्पा किए गए हैं। कपॉट खुलने के बाद सुबह से 75 से अधिक श्रद्धालु दर्शन पर चुके हैं। संत ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या में एक दो दिन में वृद्धि होगी। रामघाट पर मंदाकिनी में भी श्रद्धालुओं ने स्नान किए। तुलसी गुफा के महंत मोहिय दास ने बताया कि एक दर्जन श्रद्धालुओं दर्शन कर चुके हैं। शारीरिक दूरी रखने के लिए गोले बनवाए हैं।
मंदिर के दरवाजे पर रस्सी से बेरीकेडिंग की गई है। वहीं, चित्रकूट के महाराजाधिराज स्वामी मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर में सोमवार के कारण काफी संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही हो रही। पुजारी विपिन बिहारी तिवारी ने बताया कि मंदिर में फूल प्रसाद चढ़ाने की मनाही है। जलाभिषेक करने को लेकर भी रोक लगी है। भक्तों को शारीरिक दूरी के लिए सीढ़ियों से लेकर अंदर तक बेरीकेडिंग कराई गई है। पुलिस फोर्स भी तैनात है। अंदर जाने से पहले सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। वहीं, मध्यप्रदेश सतना के चित्रकूट क्षेत्र में स्थित हनुमानधारा, स्फटिक शिला, सती अनुसुइया आश्रम व गुप्त गोदावरी में भी लोग दर्शन कर रहे हैं।