बहुत ही दर्दनाक है ये घटना, कार के अंदर लॉक हो गई बच्ची और भूल गए घरवाले, रो-रोकर घुट गया दम
Children Death in Car गुरसहायगंज कोतवाली प्रभारी राजा दिनेश सिंह ने बताया स्वजन की लापरवाही से घटना हुई। कार लॉक करने से पहले उसे चेक जरूर कर लेना चाहिए। खासकर घर में छोटे बच्चे हों तो लॉक करने से पहले जरूर देख लें।
कन्नौज, जेएनएन। Children Death in Car कार रखने वालों के लिए सावधान करने वाली खबर। अगर आपके पास भी कार है तो घर पर खड़ी करते समय लापरवाही नहीं बरतें। दरवाजे ठीक से बंद कर दें और अपने बच्चों को उससे दूर रखें। यहां सोमवार को हुई हृदयविदारक घटना से यह सबक मिला है। हुआ यूं कि दोपहर में अचानक पांच साल की बच्ची के लापता होने पर स्वजन ने पुलिस को फोन पर बताया और इधर-उधर ढूंढ़ते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चला। मंगलवार सुबह कोतवाली जाने के लिए कार निकाली तो बच्ची उसके अंदर सीट पर ही मृत पड़ी मिली। बच्ची के कार में पहुंचने के बाद सेंटर लॉक सिस्टम के कारण दरवाजे बंद होने से दम घुटने से उसकी मौत हुई।
ये है पूरा मामला: तेराजाकेट क्षेत्र के ग्राम सूलनपुर निवासी विजय कुमार के भाई मनोज अपनी कार से सोमवार दोपहर घर आए थे। उसी समय विजय की पांच साल की बेटी शुचि कार के अंदर बैठकर खेलने लगी। थोड़ी देर बाद मनोज घर के अंदर चले गए तो सेंटर लॉक सिस्टम की वजह से दरवाजे खुद ही बंद हो गए। इस बीच जब शुचि कहीं नहीं दिखी तो स्वजन ने गांव में खोजबीन की। रात में कार के ऊपर तिरपाल का कवर भी डाल दिया। स्वजन की सूचना पर एसआइ प्रदीप कुमार ने गुमशुदगी दर्ज कर तलाश की। मंगलवार सुबह विजय और मनोज ने कोतवाली जाने के लिए कार का दरवाजा खोला तो अगली सीट पर बच्ची मृत पड़ी मिली। इससे उनकी चीख निकल गई। पिता ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया।
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इनका ये है कहना: गुरसहायगंज कोतवाली प्रभारी राजा दिनेश सिंह ने बताया, स्वजन की लापरवाही से घटना हुई। कार लॉक करने से पहले उसे चेक जरूर कर लेना चाहिए। खासकर घर में छोटे बच्चे हों तो लॉक करने से पहले जरूर देख लें कि कोई बच्चा सीट के नीचे या डिक्की में तो नहीं है। दरवाजे बंद होने से आक्सीजन न मिलने के कारण दम घुटने से बालिका की मौत हुई। जागरूकता से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।