कानपुर में 23 दिन में तीन हादसे कर रहे बड़ी साजिश का इशारा, गुत्थी सुलझाने को ATS-NIA और IB ने डाला डेरा
यूपी के कानपुर जिले में 23 दिनों के अंदर तीन रेल हादसों से बड़ी साजिश की आशंका जताई जा रही है। कालिंदी एक्सप्रेस को सिलेंडर से टकराकर पलटाने की कोशिश के मामले में पुलिस ने छह टीमें गठित की हैं। मौके से माचिस पाउडर जैसा पदार्थ और मिठाई का डिब्बा मिला है। क्या यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा है? जानिए खबर में...
जागरण संवाददाता, कानपुर। कासगंज-कानपुर रेलवे मार्ग पर बिल्हौर से पहले कालिंदी एक्सप्रेस को सिलेंडर से टकराकर पलटाने की कोशिश के मामले में पुलिस ने छह टीमें गठित की हैं।
इंस्पेक्टर शिवराजपुर, इंस्पेक्टर बिल्हौर और इंस्पेक्टर चौबेपुर के नेतृत्व में तीन टीमें बनी है। इन टीमों को जनपद के बाहर छापेमारी व अन्य सबूत एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा सर्विलांस और स्वाट की टीमों को भी लगाया गया है। आसपास के गांव में अपराधी तत्वों की पहचान के लिए एडीसीपी एलआइयू के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है।
23 दिन के अंदर तीन हादसे
23 दिन के भीतर तीसरी साजिश की आशंका को देखते हुए एनआइए, एटीएस और आइबी की टीमें जांच में जुट गई हैं। एटीएस व आइबी रात को ही पहुंच गई थी, जबकि एनआइए की टीम ने सुबह मौके पर जाकर परीक्षण किया। एटीएस के आइजी नीलाब्जा चौधरी ने भी मौके पर जांच की।मौके से माचिस व कुछ पाउडर जैसा पदार्थ एक मिठाई के डिब्बे में एक कैरीबैग में रखा हुआ मिला था। यह कैरीबैग और मिठाई का डिब्बा छिबरामऊ के सियाराम स्वीट्स का है। माचिस सुपर टेडी कंपनी की है।
शिवराजपुर में भी प्रयोग की जाती है इस ब्रांड की माचिस
पुलिस ने सियाराम स्वीट्स के सीसी कैमरे का डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकार्डिंग) अपने कब्जे में ली है। इसके अलावा यह भी देखने की कोशिश की जा रही है कि सुपर टेडी माचिस किसी क्षेत्र में चलती है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि शिवराजपुर में भी इस ब्रांड की माचिस प्रयोग में लाई जाती है।यह भी पढ़ें- कानपुर में फिर ट्रेन पलटाने की साजिश, इमरजेंसी ब्रेक लगाकर लोको पायलट ने रोकी कालिंदी एक्सप्रेस; दो हिरासत में
उल्लेखनीय है कि इससे पहले झांसी रेलमार्ग पर साबरमती एक्सप्रेस 16 अगस्त को डिरेल हुई थी। इंजन से पटरी का टुकड़ा टकराया था। अब तक की जांच में संकेत मिले हैं कि पटरी का टुकड़ा ट्रैक से बांधा गया था। इसके बाद फर्रूखाबाद में सवारी ट्रेन पलटाने के लिए पटरी पर लकड़ी का बोटा रखा गया।
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