Kanpur Air Pollution : वायु प्रदूषण से शहरवासियों को घुट रहा दम, लाल निशान के ऊपर पहुंचा AQI
Kanpur Air Pollution कानपुर की हवा जहरीली होती जा रही है। शहर में दोपहिया वाहनों से चलने वालों को खांसी जुकाम आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है। वहीं अभी भी जाम जलता कूड़ा और चिमनियों का धुआं मुश्किलें बढ़ा रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek AgnihotriUpdated: Tue, 15 Nov 2022 08:52 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। Kanpur Air Pollution : दोपहिया वाहन से चलने वाला शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे खांसी, जुकाम, आंखों में जलन या सांस लेने में तकलीफ नहीं हुई हो। सोमवार को शहर में प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया। तीनों निगरानी केंद्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़े दिन भर लाल निशान पर बने रहे। नेहरू नगर में तो सुबह से शाम तक आंकड़ों की लालिमा खत्म ही नहीं हुई बल्कि पीएम-2.5 का अधिकतम स्तर 445 तक पहुंच गया।
जहां एक तरफ चिकित्सक सुबह-शाम टहलने जाने वालों को इससे बचने की सलाह दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ शहरों में कहीं कूड़ा जलाया जा रहा है तो कहीं चिमनियां धुआं उगल रही है। इसके साथ ही शहर में निमार्णाधीन सड़कों से उड़ रही धूल भी लोगों के लिए मुसीबत बन रहा है। इसके अलावा जाम भी मुसीबत बन रहा है लेकिन प्रशासन के स्तर से राहत दिलाने की कोई कवायद नहीं दिखी।सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदूषण बड़ी समस्या बनता जा रहा है। धुंध की वजह से सुबह शहर का औसत एक्यूआइ 327 हो गया। नेहरू नगर निगरानी केंद्र में सुबह 11.10 बजे 333, कल्याणपुर में 319 और किदवई नगर में 316 तक पहुंच गया था। इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती रही और यूं लग रहा था मानों गले में कुछ फंस सा रहा है।
जरीबचौकी, रामबाग, सीसामऊ, फजलगंज आदि क्षेत्रों में जाम की वजह से लोग हलाकान रहे और प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता गया। वहीं रेलवे लाइनों के किनारे जलाया जा रहा कूड़ा भी मुसीबत को बढ़ाता रहा। इस दौरान न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें कहीं दिखीं और न ही नगर निगम की। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मंधना के आगे चल रहे जीटी रोड निर्माण के कार्यस्थल पर भी धूल रोकने के कोई इंतजाम नहीं दिखे। मेट्रो के निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव किया गया लेकिन वह धूल से राहत दिलाने में नाकाफी रहा।
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