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Kanpur Murder Case: कुशाग्र हत्‍याकांड का राजफाश कैसे हुआ इतनी जल्‍दी? रच‍िता और उसके प्रेमी प्रभात तक पहुंची पुल‍िस

Kanpur Murder case कानपुर में कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के 16 वर्षीय अपहृत बेटे कुशाग्र कनोडिया की हत्या कर दी गई। कुशाग्र का शव फजलगंज थाना क्षेत्र से बरामद हुआ था। रायपुरवा पुलिस ने ट्यूशन पढ़ाने वाली महिला शिक्षिका और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपए फ‍िरौती की मांग की थी। फिरौती न म‍िलने पर छात्र की हत्या कर दी गई।

By Vinay SaxenaEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Tue, 31 Oct 2023 06:06 PM (IST)
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मृतक कुशाग्र, हत्यारोपित ट्यूशन टीचर रचिता वत्स, रोती-ब‍िलखती छात्र की मां और आरोपित प्रभात शुक्ला व शिवा गुप्ता।

जागरण संवाददाता, कानपुर। Kanpur Murder Case: कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया अपने परिवार के साथ आचार्य नगर स्थित श्री भगवती विला में रहते थे। मूल रूप से यह परिवार पटकापुर का रहने वाला है, जो की 10 साल पहले यहां आकर बस गया था। चार मंजिला इस अपार्टमेंट में उदय नारायण गार्ड थे, जिनकी 2021 में मौत हो गई थी। उदय की मौत के बाद उनके बेटे राजेंद्र कुमार ने यहां गार्ड की नौकरी कर ली थी। कारोबारी के बेटे की हत्याकांड का पर्दाफाश राजेंद्र की ही सजगता की वजह से इतनी जल्दी हो सका।

राजेंद्र के मुताबिक, रात 8:30 और 9 बजे के बीच स्कूटी से नकाबपोश और हेलमेट लगाए हुए एक युवक पहुंचा और उन्हें एक लिफाफा देते हुए कहा कि यह लिफाफा मनीष कनोडिया ने दिया है जिसे वह उनके घर दे आए। राजेंद्र ने शक होने पर उस युवक से कहा कि वह हेलमेट और नकाब उतार कर जाए और खुद लिफाफा देकर आए। रात होने की वजह से वह युवक का चेहरा नहीं देख सका। उसे शक हो रहा था तो उसने स्कूटी का नंबर देखा तो आगे की तरफ कालिख लगाकर नंबर को ढक दिया गया था, जबकि पीछे वाली नंबर प्लेट पर कपड़ा बंधा हुआ था।

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गार्ड ने स्‍कूटी का नंबर क‍िया था नोट

गार्ड ने कपड़ा हटाकर देखा और नंबर नोट कर लिया। गार्ड को तब तक कुशाग्र के गायब होने की जानकारी नहीं थी, इसीलिए वह बस इतना ही काम कर सका। जब फिरौती के पत्र की जानकारी मिली तो उसने इस घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी। साथ ही यह भी बताया कि उसने जो नंबर नोट किया है वह कुशाग्र को ट्यूशन पढ़ने आने वाली शिक्षिका रचिता की स्कूटी से मिलता जुलता है। यही नहीं दोनों स्कूटी का रंग भी एक जैसा है। इस सूचना के बाद ही पुलिस रचिता और उसके पुरुष मित्र प्रभात शुक्ला तक पहुंच सकी।

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