Kanpur Chakeri Airport में शुरु होगा नया टर्मिनल, UPRNN नवंबर तक काम खत्म कर एयरपोर्ट अथारिटी को देगा सौंप
कानपुर चकेरी के मवइया में एयरपोर्ट के लिए बन रहे नए टर्मिनल और टैक्सी लिंक का काम नवंबर तक पूरा हो जाएगा। यूपीआरएनएन टर्मिनल भवन और टैक्सी लिंक एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को हस्तांतरित कर देगा। रात्रि विमान सेवा 2023 के अंत तक शुरू करने की तैयारी है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek AgnihotriUpdated: Tue, 25 Oct 2022 04:46 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। चकेरी के मवइया में एयरपोर्ट के लिए बन रहे नए टर्मिनल और टैक्सी लिंक का काम नवंबर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद यूपीआरएनएन टर्मिनल भवन और टैक्सी लिंक एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को हस्तांतरित कर देगा। दिसंबर 2022 तक विमानों की उड़ान शुरू हो जाएगी। चकेरी एयरपोर्ट से रात्रि विमान सेवा वर्ष 2023 तक शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए जमीन संबंधी रिपोर्ट प्रशासन ने एयरफोर्स को सौंप दी है।
चकेरी एयरपोर्ट का मौजूदा टर्मिनल भवन एयरफोर्स का है जो काफी पुराना है। इसकी यात्री क्षमता 150 से अधिक नहीं है। इसके साथ ही यहां एक ही एप्रन (विमान खड़ा करने का स्थान) है। इससे एक समय में एक ही विमान आ सकता है। यदि उसी समय दूसरा विमान आ गया तो उसे हवा में ही चक्कर लगाने पड़ते हैं या फिर रनवे पर खड़ा कर दिया जाता था।
ऐसे में मवइया में नई टर्मिनल बिल्डिंग का काम 13 अक्टूबर 2019 से शुरू हुआ। फरवरी 2021 तक इसे पूरा होना था लेकिन कोविड की विभीषिका के चलते काम काफी लंबित हो गया। अब इस काम की अंतिम समय सीमा नवंबर 2022 रखी गई है।
एयरपोर्ट के लिए नई टर्मिनल बिल्डिंग और रनवे तक विमान को लाने-ले जाने के लिए टैक्सी लिंक बनाने की जिम्मेदारी UPRNN (उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम) को दी गई थी। यूपीआरएनएन ने ओवरआल 96 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है।
अधिकारी बताते हैं कि 30 नवंबर तक टर्मिनल बिल्डिंग का भवन और टैक्सी लिंक पूरा करके एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को हस्तांतरित कर देंगे। इसके बाद दिसंबर से नए टर्मिनल से विमान सेवा शुरू हो जाएगी। लगभग एक वर्ष में यहां से रात्रि विमान सेवा की शुरुआत भी हो जाएगी।
एयरपोर्ट सलाहकार समिति की पिछली बैठक में ग्रुप कैप्टन आकाश गुप्ता ने बताया था कि एयरफोर्स हवाई पट्टी के लिए आइएलएस कैट-दो की सुविधा का दर्जा हासिल करने की तैयारी की जा रही है। बता दें इस कार्य में वक्त भी लग सकता है क्योंकि इसके लिए भूमि अधिग्रहण होना है। जिला प्रशासन ने भूमि संबंधी रिपोर्ट एयरफोर्स को सौंप दी है। रक्षा मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद इस पर काम तेजी से शुरू होगा।
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