Kanpur Clash : सुनियोजित साजिश था कानपुर का बवाल, चार दिन पहले से ही अफसरों को थी जानकारी
कानपुर में वीआइपी मूवमेंट के दौरान हुआ बवाल अचानक नहीं हुआ बल्कि इसकी पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। सुनियोजित बवाल की सजिश को लेकर चार दिन पहले खुफिया ने अफसरों को रिपोर्ट देकर आशंका जताई थी।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2022 11:25 AM (IST)
कानपुर, अतुल मिश्र। नई सड़क पर शुक्रवार को जो बवाल हुआ वह सुनियोजित साजिश के तहत हुआ। वहीं महकमे के आला अफसरों को इसकी भलीभांति जानकारी थी। खुफिया ने इसकी रिपोर्ट तैयार करके तीन दिन पहले अफसरों को दी थी। जानकारी में होने के बाद भी अफसरों ने सतर्कता नहीं बरती। जिसका नतीजा यह हुआ कि चार घंटे तक नई सड़क पर उपद्रव चला। बवाल होने के बाद पुलिस पहुंची। पुलिस कर्मियों को भी विरोध झेलना पड़ा।
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा धार्मिक आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने को लेकर विशेष समुदाय में विरोध का लावा धधकना शुरू हो गया था। मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैन्स एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी इसकी अगुवाकारी कर रहे थे। लोग आए दिन अलग-अलग तरीकों से अपना विरोध जता रहे थे। समुदाय विशेष के संगठनों की लगातार हो रही बैठकों के बाद तय हुआ था कि तीन जून को बाजार बंदी के साथ धरना प्रदर्शन करेंगे और पांच जून को गिरफ्तारी देंगे।
समुदाय विशेष के संगठनों की गतिविधियों और इंटरनेट मीडिया पर चल रहे टिप्पणियों पर स्थानीय खुफिया नजर बनाए थी। इसे लेकर तीन दिन पहले स्थानीय खुफिया (एलआइयू) ने जुमे की नमाज के बाद बवाल की आशंका जताते हुए अपनी रिपोर्ट दी थी। शहर में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत अन्य वीवीआइपी होने के चलते पुलिस अफसरों का पूरा फोकस वहां की व्यवस्थाओं पर था। उस ओर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया जिसका नतीजा था कि जुमे की नमाज के बाद बवाल हो गया। चार घंटे तक रह रहकर गलियों और सड़क पर बवाल चला। अगर पुलिस अफसर पहले से चेत जाते तो शायद इतना उपद्रव नहीं होता।
दूसरी बार पथराव के बाद पुलिस ने भांजी लाठी : दोपहर करीब 2:30 बजे बवाल की शुरुआत हुई थी। पहले राउंड हुए बवाल में सद्भावना चौकी पुलिस पहुंची थी, लेकिन पथराव के आगे पुलिसकर्मी बहुत ज्यादा देर टिक नहीं पाए। पुलिसकर्मियों को उल्टे पांव भागना पड़ा। सूचना के आधे घंटे बाद पुलिस फोर्स पहुंचा और उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए लाठियां पटकी तो दूसरी बार पुलिस पर पथराव हुआ। दूसरी बार पथराव से खिसियाई पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया तो भगदड़ मच गई। उसके बाद पीएसी और अन्य थानों का फोर्स पहुंचा तो उपद्रवियों से मोर्चा लेने में लगे पुलिसकर्मियों को बल मिला। पुलिस ने उपद्रवियों की भीड़ को गली के अंदर खदेड़ा, लेकिन इस दौरान भी वह लोग लगातार पथराव करते रहे।
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