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कानपुर देहात : एसडीएम ने बीच में बंद कराई 210 साल पुरानी रामलीला तो साकेत मंदिर के महंत ने त्यागा अन्न-जल

कानपुर देहात के शिवली क्षेत्र में एसडीएम ने रामलीला बंद करा दी तो लोगों में आक्रोश फैल गया है। साकेत मंदिर के महंत के साथ लोगों ने अनशन शुरू कर दिया है। लोग एसडीएम को हटाने की मांग कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek AgnihotriUpdated: Mon, 03 Oct 2022 01:10 PM (IST)
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कानपुर देहात के शिवली में साकेत धाम को रामलीला मंचन की जन्मस्थली माना जाता है।
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता। शिवली के साकेत धाम को रामलीला मंचन की जन्मस्थली मानते हैं और यहां दो सौ से अधिक समय से रामलीला का मंचन हो रहा है। यहां के कई कलाकारों ने प्रदेश ही पूरे देश में रामलीला मंचन में ख्याति बटोरी और मंचन को अन्य राज्यों तक पहुंचाया। रविवार देर रात एसडीएम ने वर्षों पुरानी साकेत धाम की रामलीला बंद करा दी तो आक्रोश फैल गया है। सोमवार की सुबह साकेत धाम मंदिर के महंत समेत लोगों ने अनशन शुरू कर दिया है और एसडीएम पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। 

दस दिन पहले ही दिया था आवेदन, एसडीएम ने नहीं किए हस्ताक्षर

शिवली के साकेत धाम मंदिर पर 210वीं रामलीला का मंचन हो रहा है। रविवार देर रात करीब 12.30 बजे लीला का मंचन हो रहा तभी मैथा एसडीएम महेंद्र कुमार पहुंचे और लीला बंद करवा दी। लोगों ने कारण पूछा तो बताया कि अनुमति नहीं ली गई है। इसपर रामलीला समिति अध्यक्ष वैभव तिवारी ने कहा कि पुलिस की रिपोर्ट व बाकी दस्तावेज के साथ 10 दिन पहले कार्यालय में आवेदन दिया गया था। आपने हस्ताक्षर नहीं किया, इसकी जानकारी मुझे नहीं दी गई है। काफी बहस के बाद भी रामलीला का मंचन शुरू नहीं हो सका।

लोगों में भड़का आक्रोश, शुरू किया अनशन

सोमवार की सुबह इसकी जानकारी कस्बे में लोगों को हुई तो आक्रोश फैल गया। लोगों की भीड़ साकेत धाम मंदिर पर एकत्र हो गई। बैठक के बाद तय हुआ और पूर्वाह्न 11 बजे करीब लोग अनश्नन पर बैठ गए। मंदिर महंत संत कुमार ने जल व अन्न त्याग कर अनशन शुरू कर दिया है। लोग भी उनके साथ अनशन पर बैठ गए हैं। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो लोगों ने एसडीएम पर कार्रवाई की मांग की है। 

साकेतधाम को माना जाता रामलीला मंचन की जन्मस्थली

संरक्षक लल्लन वाजपेयी का कहना है कि चलती रामलीला को बंद कराना गलत है। इस तरह का काम करने पर एसडीएम पर कार्रवाई होनी चाहिए। यहां 210 साल से रामलीला हो रही है और इस स्थान को लीला मंचन की जन्मस्थली माना जाता है। यहां से कई कलाकारों ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश में ख्याति प्राप्त की है और दूसरे राज्यों तक रामलीला मंचन को पहुंचाया और शुुरू भी कराया है। आजतक ऐसा कभी नहीं हुआ है कि लीला को बीच में बंद कराया गया है। इस तरह का कृत्य करने पर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये। 

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