कानपुर में 50 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करेगा KDA, प्राधिकरण ने तैयार किया प्रस्ताव
केडीए की महत्वाकांक्षी न्यू कानपुर सिटी योजना जल्द ही साकार होने जा रही है। 153 हेक्टेयर भूमि पर विकसित होने वाली इस योजना में 89 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। केडीए अब तक किसानों से 39 हेक्टेयर भूमि की रजिस्ट्री करा चुका है। बाकी लोगों द्वारा भूमि न दिए जाने के कारण केडीए अर्जन की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। केडीए न्यू कानपुर सिटी योजना को नए साल में धरातल पर लाने के लिए जुटा है। 153 हेक्टेयर जमीन में विकसित होने वाली योजना में 89 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत होनी है। इसमें केडीए अभी तक किसानों से 39 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री करा चुका है।
बाकी लोगों द्वारा जमीन नहीं दिए जाने से केडीए अब अर्जन की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इसके लिए नौ सौ किसानों, बिल्डर और खरीदारों से 50 हेक्टेयर जमीन अर्जन करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके एडीएम भू एवं अध्याप्ति को भेजा जाएगा। साथ ही जमीन के लिए दिया जाने वाला मुआवजा भी अब जिला प्रशासन के माध्यम से बंटेगा।
केडीए ला रही न्यू कानपुर सिटी योजना
मैनावती मार्ग से सिंहपुर और सिंहपुर से कल्याणपुर के बीच केडीए न्यू कानपुर सिटी योजना ला रहा है। वर्ष 1996 से योजना आ रही है लेकिन अभी तक धरातल पर नहीं आ पाई है। केडीए ने योजना को लेकर अक्टूबर 2017 में जमीन अधिगृहीत होने वाले इलाकों में लेआउट और नक्शा पास करने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी लोगों ने प्लाटिंग कर ली, जिसे केडीए ने ध्वस्त कर दिया।पहले चरण में अब 153 हेक्टेयर में योजना लाई जा रही है। इसके लिए अभी किसानों से सीधे जमीन खरीदी जा रही है और चार गुना मुआवजा भी दिया जा रहा है। 39 हेक्टेयर जमीन अभी तक अधिगृहीत हो सकी है और मुआवजे के रूप में 248 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
योजना के नोडल प्रभारी और विशेष कार्याधिकारी डा रवि प्रताप सिंह ने बताया कि 150 सौ किसान व बिल्डर और साढ़े सात सौ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने फुटकर में जमीन खरीदी है। कुल नौ सौ लोगों से 50 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत करने के लिए तैयारी की जा रही है। प्रस्ताव बनाकर एडीएम (भू एवं अध्याप्ति ) को भेजा जाएगा। इसका प्रस्ताव भेजने के लिए सचिव अभय पांडेय को दस्तावेज भेज दिए हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।भूमि अर्जन प्रक्रिया
भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4(1) के तहत, भूमि अधिग्रहण करने से पहले एक अधिसूचना जारी की जाती है। उसमें बताया जाता है कि किसी खास ज़मीन का इस्तेमाल सार्वजनिक कामों के लिए जरूरी है या जरूरी होने की संभावना है। उसके बाद जमीन का अर्जन यानी भूमि अधिग्रहण, सरकार द्वारा निजी स्वामित्व वाली ज़मीन को जबरन हासिल करना होता है। यह जमीन, सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए अधिगृहीत की जाती है। इनमें सरकारी परियोजनाएं, सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाएं और निजी परियोजनाएं शामिल हैं।योजना का हाल
- योजना शुरू हुई - वर्ष 1996
- गांव - संभलपुर, गंगपुर चकबदा, सिंहपुर कछार, हिंदूपुर व बैरी अकबरपुर
- जमीन - 153.31 हेक्टेयर
- केडीए की जमीन - 56.11 हेक्टेयर
- ग्राम समाज की जमीन - 8.05 हेक्टेयर
- किसानों की - 89.69 हेक्टेयर
- जमीन अभी तक अधिगृहीत - 50 हेक्टेयर
- अब तक मुआवजे में धन दिया - 248 करोड़