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मौसम में बदलाव के समय क्या करें और क्या न करें, पढ़िए, आपके सवाल और डॉ. नंदिनी रस्तोगी के जवाब

कानपुर में दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर कार्यक्रम में वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. नंदिनी रस्तोगी ने लोगों के सवालों के जवाब देकर बदलते मौसम में सावधान रहने की नसीहत दी। साथ ही गर्मी के समय ध्यान रखने वाली जरूरी जानकारी दी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Thu, 11 Mar 2021 11:51 AM (IST)
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कानपुर में हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में वरिष्ठ फिजीशियन के टिप्स।
कानपुर, जेएनएन। मौसम में तेजी से बदलाव होने से गर्मी बढ़ गई है। इसलिए भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ जूस, छाछ, शिकंजी, नीबू-पानी, शरबत, लस्सी एवं गन्ने का रस का सेवन करें। शरीर में पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ होने से हीट स्ट्रोक एवं डिहाइड्रेशन का खतरा नहीं रहेगा। ध्यान रखें, मौसम में बदलाव होने से बैक्टीरिया व वायरस भी तेजी से पनपते हैं, जो बुखार एवं दूसरे संक्रमण का कारण बनते हैं। संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाएं, शारीरिक दूरी का पालन करें और भीड़भाड़ की जगह पर जाने से बचें। ये बातें वरिष्ठ फिजीशियन व डायबटोलॉजिस्ट डॉ. नंदिनी रस्तोगी ने दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए कहीं। पेश हैं उसके अंश।

  • मौसम में बदलाव के बाद तेजी से गर्मी बढ़ी है, क्या करें? संजय दुबे, कर्रही।

    -मार्च में ही गर्मी पडऩे लगी है। पानी कम पीने से डिहाइड्रेशन एवं हीट स्ट्रोक पड़ सकता है। तरल पदार्थ का सेवन करते रहें। मौसम में बदलाव से बैक्टीरियल एवं वायरल संक्रमण बढ़ जाता है। खेतों में मड़ाई होने से महीन कण एवं फूलों के परागकण हवा में उडऩे से एलर्जी की समस्या होती है। बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाएं। संक्रमण से बचने के लिए शारीरिक दूरी का पालन और भीड़ में जाने बचें। बाहर कड़ी धूप में पसीना आने से त्वचा की एलर्जी भी होती है। नियमित स्नान करें और शरीर को साफ रखें।

  • मेरी उम्र 50 साल है, मधुमेह एवं ब्लड प्रेशर (बीपी) के साथ ही पैरों में दर्द रहता है? ममता सिंह, सिविल लाइंस।

    -इस उम्र में मासिक धर्म बंद होने से मीनोपॉज की समस्याएं होती हैं। हर्मोनल बदलाव होने से हड्डियां खोखली होने से ऑस्टियोपोरोसिस होने लगता है। आपको मधुमेह एवं बीपी भी है। इस वजह से दर्द होता है। अपना वजन एवं मधुमेह नियंत्रित रखें। रोजाना टहलें और व्यायाम करें।

  • मधुमेह अनियंत्रित रहती है, क्या करें? चंद्र प्रकाश वर्मा, बर्रा।

    -मधुमेह 200 से अधिक होना घातक है। अपनी मधुमेह नियंत्रित करें। खाने से पहले 130 और खाने के बाद 180 से अधिक न हो। इससे अधिक होने पर अपने चिकित्सक को दिखाएं।

  • मेरा बेटा 12 साल का है, उसे कोविड वैक्सीन कब लगेगी? रागिनी कटियार, नौबस्ता।

    -कोरोना की वैक्सीन को लेकर रिसर्च चल रहे हैं। उसमें बच्चों के लिए नेजल वैक्सीन विकसित की गई है। अप्रैल तक आने की उम्मीद है।

  • मेरी उम्र 45 वर्ष से कम है और मधुमेह भी है, कैसे बचाव करें? राघव गुप्ता, साकेत नगर।

    -ऐसे हर मधुमेह पीडि़त को निमोनिया एवं फ्लू की वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए। संभव हो तो हेपेटाइटिस बी का टीका भी लगवा लें।

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