Ekta Murder Case: 48 घंटे पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेगा हत्यारोपी विमल, अनसुलझे सवालों का मिलेगा जवाब!
कानपुर में 35 वर्षीय एकता गुप्ता 24 जून 2024 को ग्रीन पार्क स्थित जिम से लापता हो गई थीं। एकता के साथ उनका जिम ट्रेनर विमल सोनी भी गायब था। पुलिस इसे प्रेम प्रसंग मान रही थी लेकिन 26 अक्टूबर को प्रकरण में तब नया मोड़ आया जब पुलिस ने जिम ट्रेनर को गिरफ्तार कर डीएम आवास कंपाउंड से सटे ऑफीसर्स क्लब में जमीन में गड़ा शव बरामद कर लिया।
जागरण संवाददाता, कानपुर। एकता हत्याकांड का मुख्य आरोपी जिम ट्रेनर विमल सोनी 48 घंटे तक पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेगा। पुलिस की रिमांड याचिका पर मंगलवार को अदालत ने यह फैसला सुनाया। इस दौरान तमाम उन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की जाएगी, जिन्हें लेकर पुलिस के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है।
सिविल लाइंस गोपाल विहार निवासी मयूर शेयर ट्रेडिंग कंपनी में कार्यरत राहुल गुप्ता की 35 वर्षीय पत्नी एकता गुप्ता 24 जून 2024 को ग्रीन पार्क स्थित जिम से लापता हो गई थीं। एकता के साथ उनका जिम ट्रेनर विमल सोनी भी गायब था। पुलिस इसे प्रेम प्रसंग मान रही थी, लेकिन 26 अक्टूबर को प्रकरण में तब नया मोड़ आया, जब पुलिस ने जिम ट्रेनर विमल सोनी को गिरफ्तार कर डीएम आवास कंपाउंड से सटे आफीसर्स क्लब में जमीन में गड़ा शव बरामद कर लिया।
इस मामले में पुलिस के पर्दाफाश पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि इन सवालों के जवाब विमल के पास हैं। अनसुलझे सवालों का जवाब तलाशने के लिए पुलिस ने विमल सोनी की सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी थी। मंगलवार को प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष कुमार सिंह की अदालत ने पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए केवल 48 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकृत की। यह आदेश छह नवंबर की सुबह आठ बजे से आठ नवंबर की सुबह आठ बजे तक प्रभावी रहेगा।
पुलिस ने माना विमल के बयान विरोधाभासी
पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में जो याचिका दायर की थी, उसमें तमाम बिंदुओं पर मुख्य आरोपित से पूछताछ का तर्क दिया था। अदालत को दिए गए प्रार्थना पत्र में पुलिस ने यह भी माना है कि विमल के बयान विरोधाभासी हैं। पुलिस ने उसे रिमांड पर लेने के दो कारण अदालत को बताए।
- एकता गुप्ता का गुम मोबाइल फोन और जिम बैग तलाशना। गिरफ्तारी के बाद विमल ने बताया था कि उसने बिठूर क्षेत्र में मोबाइल तोड़कर दोनों को फेंक दिया था।
- जिस गड्ढे में एकता का शव गाड़ा गया, उसे अल्प समय में नहीं खोदा जा सकता है। अभियुक्त द्वारा इसके लिए कब से तैयारी की जा रही थी। उसका उद्देश्य क्या था इसकी जानकारी करना।
मां के डीएनए सैंपल की मांगी अनुमति
एकता हत्याकांड में पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट से एकता की मां सुनीता गुप्ता का डीएनएस सैंपल लेने की अनुमति मांगी है। पुलिस के मुताबिक गड्ढे से कंकाल बरामद हुआ है। डीएनए से ही सिद्ध हो सकेगा कि जो शव बरामद हुआ है, वह एकता का ही था।पुलिस के दस्तावेजों में विमल की सुनाई कहानी
पुलिस ने अदालत के सामने अपनी केस डायरी भी पेश की है। केस डायरी में पुलिस ने उस कहानी को सिलसिलेवार लिखा है, जिसमें घटनाक्रम के अलावा विमल के बयान शामिल हैं। पुलिस को दिए गए बयान में विमल ने बताया कि वह वर्ष 2016 में आफीसर्स क्लब और उससे कुछ दिनों बाद ग्रीन पार्क में जिम ट्रेनर का काम करता था। एकता गुप्ता एक साल से जिम आती थी।
24 जून को वह अपने भांजे के साथ पौने छह बजे जिम पहुंचा था। कुछ समय बाद एकता भी आ गईं। लगभग सात बजे एकता जिम से बाहर निकलीं तो वह भी पीछे से बाहर निकाल गया। विमल ने बताया कि एकता से उसकी नवंबर 2023 से पहले मैसेज पर फिर काल पर बात होने लगी थी। धीरे-धीरे प्रेम संबंध हो गए। घटना से कुछ दिन पहले ही उसकी पूजा नाम की लड़की से शादी तय हो गई थी और रोका भी हो गया था। एकता इसका विरोध कर रही थीं। वह जिम में एकता को रोजाना एनर्जी ड्रिंक पिलाता था, उससे थकान कम होती है। रोज रोज एकता द्वारा झगड़ा और धमकी देने जाने के कारण उसे लगा कि वह मेरी शादी नहीं होने देगी। ऐसे में उसने एकता की हत्या का प्लान बनाया।
24 जून को उसने एनर्जी ड्रिंक दी तो उसमें चुपके से नशीली गोलियां डाल दीं, जिससे उसका सिर घूमने लगा। मैंने उनसे गाड़ी में बैठने के लिए कहा, पीछे से वह भी गाड़ी में आ गया। गाड़ी के शीशे में काली पन्नी होने के कारण कोई देख नहीं पाता था। जब वह हल्के नशे में हो गईं तो हम लोगों के बीच बहस होने लगी। तब मैंने प्लान के तहत गर्दन पर घूंसे से वार किया, जिस पर वह बेसुध हो गईं। इसके बाद उसने गाड़ी में रखी रस्सी से गर्दन को कसकर हत्या कर दी। दुपट्टे को भी गर्दन में लपेट कर गला घोट दिया।
शव को गाड़ी में लादकर गंगा बैराज गया और वहां भीड़भाड़ होने की वजह से वापस लौट आया। कंपनीबाग से रावतपुर की तरफ थोडी दूर जाकर एकता का मोबाइल तोड़कर सिम व सिम ट्रे निकालकर अपनी गाड़ी के डैसबोर्ड पर रख दिया, मोबाइल और जिम बैग फेंक दिया। इसके बाद उसने बिठूर की तरफ पहलवानपुर की मजार से एकता के शव को गंगा में फेंक दिया था। हालांकि, विमल का यह बयान झूठा निकला और जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि मोबाइल और जिम बैग फेंकने के बाद में उसने शव को आफीसर्स क्लब में जाकर गड्ढा खोदकर गाड़ दिया। इसके बाद गाड़ी लेकर इधर उधर घूमता रहा। दोपहर दो बजे के आसपास फिर से मिट्टी डालने के लिए आफीसर्स क्लब गया और दोबारा से गड्ढा गहरा कर उसमें शव को मिट्टी व कचरे से दबा दिया।
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