Move to Jagran APP

Kanpur Fire: ...तो आग लगने पर हाथ पकड़कर लिपट गईं मां-बेटी! बेटे का आरोप- सूचित किए बिना गिरा रहे थे निर्माण

Kanpur Fire कानपुर देहात के मड़ौली गांव में झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटी की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिस तरह आसपास मां और बेटी के शव मिले हैं आशंका जताई जा रही है कि आग लगने के बाद दोनों एक दूसरे से लिपट गईं होंगी।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Tue, 14 Feb 2023 08:53 AM (IST)
Hero Image
घटना के बाद मड़ौली गांव छावनी में तब्दील हो गया है। जागरण
 जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: Kanpur Fire- कानपुर देहात के मड़ौली गांव में मां-बेटी की जलकर मौत की घटना से हर कोई हतप्रभ रह गया। मां-बेटी के शव आसपास सटे हुए पड़े मिलने से आशंका जताई गई कि आग लगने पर दोनों हाथ पकड़कर एक-दूसरे से लिपट गईं होंगी। शव पूरी तरह जल चुके थे और पहचान में नहीं आ रहे थे।

नेहा स्नातक की पढ़ाई कर चुकी थी और उसकी शादी की बात चल रही थी। ग्रामीणों का कहना था कि दिवंगत प्रमिला व उनकी बेटी नेहा मिलनसार थीं, सभी से अच्छे से बात करतीं और काम में भी हाथ बंटा देती थीं।

आग लगने पर हटाने की कोशिश में गिरा छप्पर

झोपड़ी में जब आग भड़क उठी और तेज लपटें उठने लगीं तो बुलडोजर से जिस तरफ आग नहीं लगी थी उस छप्पर को हटाने के निर्देश दिए गए ताकि आग और न भड़के। मगर, बुलडोजर से हटाते समय छप्पर वहीं गिर गया तो उसमें भी आग लग गई। तीन महिला कांस्टेबलों ने दरवाजा खुलवाया लेकिन तब तक आग भड़क चुकी थी।

उधर, फोरेंसिक टीम तो शाम को पहुंच गई लेकिन स्वजन व ग्रामीणों ने जांच नहीं करने दिया। घर की महिलाओं ने तो एक बार टीम को धक्का देकर पीछे कर दिया और कहा कि जब तक मुकदमा नहीं होगा जांच नहीं होगी। पुलिसकर्मियों ने समझाया कि जांच में साक्ष्य अहम होता है और टीम साक्ष्य ही एकत्र करेगी जो कि एक प्रक्रिया है लेकिन रात तक बात न बन सकी और टीम ऐसे ही खड़ी रही और इंतजार करती रही।

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला घटनास्थल पर पहुंचीं और स्वजन को शांत कराया। उन्होंने कहा कि परिवार की मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जो भी मांग होगी पूरी कराई जाएगी।

छावनी बना मड़ौली गांव, पीएसी व पुलिस बल तैनात

घटना के बाद मड़ौली गांव छावनी में तब्दील हो गया। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पीएसी भी बुला ली गई। मंगलपुर, शिवली, मूसानगर, राजपुर, डेरापुर सहित अन्य थानों की पुलिस के अलावा फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौके पर मौजूद रहीं।

‘मैं आपका बेटा’ कहकर एसपी ने कराया शांत

एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति गांव पहुंचे तो स्वजन से कहा कि मैं आपके बेटे जैसा हूं, आपको विश्वास दिलाता हूं निष्पक्ष कार्रवाई होगी और न्याय दिलाया जाएगा। आपकी सुरक्षा में मैं और पुलिस बल यही रहेगा। एसपी ने मड़ौली पीएचसी के डा. राजेश को बुलाकर कृष्णगोपाल का उपचार कराया।

परिवार घर में था लेकिन सूचित किए बना निर्माण गिराने लगे

दिवंगत प्रमिला के बेटे शिवम दीक्षित तहरीर में लिखा कि इस जमीन पर हमारे बाबा निवास करते थे। 14 जनवरी को मैथा एसडीएम, लेखपाल व रूरा एसओ बुलडोजर लेकर बिना किसी सूचना के मकान गिराने आ गए। उस दिन कुछ निर्माण गिराया व 10 से 12 दिन का समय दिया गया कि इसे खुद गिरा लो।

इसके बाद हम मवेशी संग कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां एडीएम प्रशासन ने सुनवाई नहीं की बल्कि बलवा का मुकदमा लिखवा दिया गया। इसके बाद सोमवार को यही लोग टीम लेकर आए और विपक्षी अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, निर्मल, विशाल व बुलडोजर का चालक दीपक सुनियोजित तरीके से आए।

परिवार घर में था लेकिन सूचित किए बना निर्माण गिराने लगे। आरोप है कि लेखपाल ने आग लगा दी और एसडीएम ने कहा कि आग लगा दो झोपड़ी में कोई बच न पाए। मुझे भी पीटा गया और एसओ व पुलिसकर्मियों ने आग में फेंकने की कोशिश की। आग से मेरी मां व बहन जलकर मर गईं जबकि पिता झुलस गए।

दिवंगत महिला के बेटे शिवम दीक्षित ने दी घटना की तहरीर

कानपुर देहात में जमीन का कब्जा हटाने गई टीम के सामने मां-बेटी के जिंदा जलकर मरने की घटना पर सपा व कांग्रेस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सपा ने ट्वीट किया कि पुलिस प्रशासन ने कानपुर में बलवंत सिंह की हत्या कर दी थी, अब भी प्रशासन निर्दोषों की मौत का कारण बन रहा।

शर्मनाक! मुजावजा दे सरकार। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने इस घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से अपनी बुलडोजर नीति रोककर, संविधान व लोकतांत्रिक मूल्यों को अपनाने की मांग की। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।