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Kanpur Jyoti Murder Case : फर्जी सिम मामले में भी बढ़ेगी पीयूष और मनीषा की मुसीबतें, जल्द शुरु होगी सुनवाई

Kanpur Jyoti Murder Case कानपुर के ज्योति हत्याकांड मामले में ज्योति के पति पीयूष और उसकी प्रेमिका मनीषा को आजीवन कारावास की सजा मिल गई है लेकिन जल्द ही इनकी मुसीबतें बढ़ने वाली है। दरअसल फर्जाी सिम यूज करने के मामले में भी जल्द ही अदालत में सुनवाई होगी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek AgnihotriUpdated: Tue, 25 Oct 2022 01:15 PM (IST)
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Kanpur Jyoti Murder Case : फर्जी सिम मामले में पीयूष और मनीषा की बढ़ेंगी मुसीबते।
कानपुर, जागरण संवाददाता। Kanpur Jyoti Murder Case : ज्योति हत्याकांड में दोषी करार दिए गए पति पीयूष और उसकी प्रेमिका मनीषा की मुसीबतें अभी और बढ़ेंगी। फर्जी नामों से सिम प्रयोग करने के मामले में भी दर्ज मुकदमे की सुनवाई शुरू होगी। अगर इस मामले में भी इन्हें सजा हुई तो ऊपरी अदालतों में चल रहे हत्या से जुड़े मुकदमों में इनके खिलाफ बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।

यह था मामला

पांडु नगर निवासी पीयूष श्यामदसानी की शादी 28 नवंबर 2012 को जबलपुर निवासी ज्योति उर्फ पूजा से हुई थी। पड़ोस में रहने वाली मनीषा मखीजा के प्रेम में फंसकर पीयूष ने पत्नी को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। 27 जुलाई 2014 को पीयूष पत्नी ज्योति को वीआइपी रोड स्थित एक रेस्टोरेंट ले गया। लौटते उसने अपनी कार मनीषा के पूर्व ड्राइवर अवधेश व रेनू उर्फ अखिलेश, सोनू कश्यप और आशीष कश्यप के हवाले कर दी। इन लोगों ने ज्योति की हत्या कर दी। इसके बाद, पीयूष पुलिस के पास पत्नी के अपहरण की झूठी कहानी लेकर पहुंचा।

जिनके नामों पर सिम, उनका नामोनिशान नहीं

एडीजी अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर जो तथ्य पेश किए गए, उसके अनुसार पीयूष और मनीषा के बीच सात महीनों में 5500 काल और 2200 एसएमएस का आदान-प्रदान हुआ। वहीं, वारदात के दिन 12 घंटे के अंतराल में 18 बार दोनों की फोन पर हुई। पुलिस के अनुसार, यह प्रदर्शित करता है कि दोनों के बीच अतिरेक प्रेम संबंध थे।

वहीं, पीयूष और मनीषा जिन नंबरों से बातचीत करते थे, वह किसी दूसरे के नाम से थे। दोनों नंबर शंकर पुत्र निखिल निवासी खौदा जिला बांदा के नाम पर लिए गए थे और गांव में इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। यह भी सामने आया कि मनीषा पांच मोबाइल नंबरों का प्रयोग करती थी, जिसमें दो उसके नाम से थे, जबकि तीन नंबर उसने फर्जी नाम से खरीदे थे। इसमें सायरा बानो और मुन्नी देवी के नाम दर्ज थे। यही नहीं सोनू भी किसी सर्वेश नामक व्यक्ति के नाम से सिम का प्रयोग कर रहा था।

अब शुरू होगी सुनवाई

फर्जी नामों से सिम लेकर प्रयोग करने के मामले में सुनवाई निचली अदालत में चल रही है, लेकिन हत्या वाले मामले में फैसला आने तक सुनवाई पर रोक लगी थी। अब सुनवाई शुरू होगी और दोषी पाए जाने पर यह बड़ा सुबूत बनेगा कि पीयूष व मनीषा ने जानबूझकर फर्जी नामों से सिम लिए।

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