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Kanpur Jyoti Murder: पुलिस को उलझाने के लिए दंगा कराने की फिराक में था पीयूष, पूछताछ में सामने आई थी यह कहानी

Kanpur Jyoti Murder Case कानपुर में ज्योति हत्याकांड के आरोपित पीयूष ने पुलिस को उलझाने के लिए दंगा कराने की फिराक में था। वहीं पुलिस पूछताछ में एक संप्रदाय विशेष के युवकों पर अपहरण करने का आरोप लगाया था।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh MishraUpdated: Mon, 24 Oct 2022 07:36 AM (IST)
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Kanpur Jyoti Murder Case ज्योति हत्याकांड का आरोपित पीयूष ने दंगे की थी साजिश।
कानपुर, जागरण संवाददाता। Kanpur Jyoti Murder Case ज्योति हत्याकांड का मुख्य आरोपित पीयूष बेहद शातिर था। उसने यहां तक योजना बना रखी थी कि हत्या के बाद वह पुलिस को उलझाने के लिए शहर में दंगा करा देगा।

पुलिस से पूछताछ में पहले उसने कुछ संप्रदाय विशेष के लोगों को जोड़ने की कोशिश की, ताकि शहर में तनाव फैलाया जा सके। हालांकि उसकी योजना सफल नहीं हुई और उसकी जल्द ही गिरफ्तारी हो गई।

पांडु नगर निवासी पीयूष श्यामदसानी की शादी 28 नवंबर 2012 को जबलपुर निवासी ज्योति उर्फ पूजा से हुई थी। पड़ोस में रहने वाले मनीषा मखीजा के प्रेम में फंसकर पीयूष ने पत्नी को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। 27 जुलाई 2014 को पीयूष पत्नी ज्योति को वर्तमान में चल रहे विवादों पर बात करने के लिए वीआइपी रोड एक रेस्टोरेंट ले गया था।

वापस लौटते उसने अपनी कार मनीषा के पूर्व ड्राइवर अवधेश व हत्यारे रेनू उर्फ अखिलेश, साेनू कश्यप और आशीष कश्यप के हवाले कर दी। बाद में इन लोगों ने जब ज्योति की हत्या कर दी और पीयूष को जानकारी मिल गई तो वह पुलिस के पास पत्नी के अपहरण की कहानी लेकर पहुंचा।

उस वक्त रमजान का महीना चल रहा था। पीयूष के बताया कि बाइक सवार टोपी वाले कुछ युवकों ने कार समेत उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया है।

पीयूष ऐसा कहकर मामले को धार्मिक रंग देना चाहता था। बाद में यह भी सामने आया कि वह यहां तक सोच रहा था कि अगर इस प्रकरण को दबाने के लिए शहर में दंगा कराना पड़ा तो वह यह भी करेगा। हालांकि उसकी यह योजना सफल नहीं हो सकी, क्योंकि शर्ट बदलकर थाने पहुंचने से मिले क्लू ने उसकी मंशा पर पानी फेर दिया। पुलिस ने न केवल उसका झूठ पकड़ा, बल्कि पूरा केस वर्कआउट लिया।

पीयूष के घरवाले बोलते रहे झूठ

अदालत को दिए गए बयान में ज्योति के चाचा राजा नागदेव व अन्य ने विस्तार से बताया है कि पीयूष पक्ष के चुन्नीलाल ने ज्योति के पिता शंकर नागदेव को जानकारी दी थी कि पीयूष व ज्योति का अपहरण हो गया है। इसके बाद चुन्नीलाल ने बताया कि पीयूष की हत्या हो गई, शव मिल गया है और ज्योति गंभीर हालत में है। बाद में पीयूष को घायल और ज्योति को मृत बताया। कुल मिलाकर पीयूष के घर वाले पूरी रात उनसे झूठ बोलते रहे। यहां तक कि जब वह कानपुर पहुंचे को ज्योति का चेहरा दिखाने से मना कर दिया।

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