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Karauli Baba: करौली सरकार पुलिस को बनाना चाहते थे ‘चौकीदार’, अब चमत्‍कार के ल‍िए बाबा को अधिवक्ता ने दी चुनौती

कानपुर में करौली सरकार के आश्रम में नोएडा निवासी डाक्टर सिद्धार्थ चौधरी ने 20 मार्च को बाबा पर चमत्कार न दिखा पाने की बात कहने पर समर्थकों से लाठी-डंडों से मारपीट कराने का आरोप लगाया था। मामले की पुल‍िस जांच कर रही है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Thu, 23 Mar 2023 09:55 AM (IST)
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Karauli Baba Kanpur: करौली सरकार बाबा संतोष भदौरिया

कानपुर, जागरण संवाददाता। चमत्कार दिखाने में विफल होने पर नोएडा के डाक्टर की नाक तुड़वाने वाले करौली सरकार बाबा संतोष भदौरिया पुलिस को अपना चौकीदार बनाना चाहते थे। थाना-चौकी पुलिस तो बाबा के इस प्रस्ताव से खुश हुई थी, लेकिन उच्चाधिकारियों ने इसे ठुकरा दिया। इसके बाद भी बाबा लगातार पुलिस को समय-समय पर आर्थिक मदद करके अपना मुरीद बनाने के मौके नहीं छोड़ता था। यही कारण था कि स्थानीय थाना और चौकी पुलिस उनकी जी हुजूरी करती थी।

अधूरी रह गई बाबा की पुलिस को चौकीदार बनाने की इच्छा

कोरियां चौकी के सामने 29 जनवरी 2021 की शाम एक बाइक सवार महिला को मिट्टी लदे डंपर ने कुचल दिया था। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस चौकी में तोड़फोड़ करने साथ आग लगा दी थी। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को सबक सिखाने के लिए चौकी खत्म कर दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि करौली सरकार बाबा ने आश्रम के मुख्यद्वार के सामने पांच बिस्वा जमीन पर आलीशान चौकी के लिए भवन बनाकर देने का प्रस्ताव रखा। इससे थाना और चौकी पुलिस को तो खुशी मिली, लेकिन उच्चाधिकारियों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। साथ ही फिर से पुरानी क्षतिग्रस्त चौकी की मरम्मत कराकर संचालित करने का आदेश दे दिया। इसके बाद बाबा की पुलिस को चौकीदार बनाने की इच्छा अधूरी रह गई।

अधिवक्ता ने करौली सरकार बाबा को दी चुनौती

चमत्कार दिखाने में विफल बाबा करौली सरकार ने नोएडा के डा. सिद्धार्थ चौधरी को अपने बाउंसरों से पिटवाकर नाक तुड़वा दी। इस पर डाक्टर ने बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसके बाद से विवादों में घिरे बाबा करौली सरकार को इंटरनेट पर लोगों ने खुली चुनौती देना शुरू कर दिया है। शहर के अधिवक्ता अनिरुद्ध जायसवाल ने भी पत्नी बच्चों के साथ एक वीडियो ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि यदि करौली बाबा संतोष भदौरिया सभी रोगों को ठीक करने का दावा कर रहे तो मेरी बेटी का भैंगापन और मेरे बेटे का स्पष्ट न बोलना ठीक कर दें। यदि बाबा दोनों बच्चों को ठीक कर देंगे तो वह अपनी संपत्ति दान कर देंगे। यदि ऐसा न कर सके तो कर्मकांड की आड़ में इस प्रकार के फर्जी दावे न करें।

जांच के लिए पहली बार आश्रम पहुंची पुलिस

बाबा करौली सरकार और उनके सेवादारों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद बुधवार को पहली बार कोरियां चौकी प्रभारी अरविंद कुमार फोर्स के साथ मानव मंदिर लवकुश आश्रम पहुंचे। काफी देर तक आश्रम में घूमने के बाद पुलिस टीम बाबा से उनके कमरे में मिलने गई और थोड़ी ही देर में लौट भी आई। चौकी प्रभारी से पूछताछ व जांच पड़ताल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।

आनलाइन कैमरा बंद कराकर बाबा ने पिटवाया

22 फरवरी को नोएडा के डा. सिद्धार्थ चौधरी की पिटाई बाबा संतोष भदौरिया ने आनलाइन कैमरे बंद कराकर बाउंसरों से कराई थी। हालांकि घटना का एक वीडियो बाबा के ही समर्थक ने बना लिया था। वीडियो को डाक्टर ने इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया है। इसमें बाबा संतोष भदौरिया डाक्टर से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अपने बाउंसरों को डाक्टर को खींचकर ले जाने का आदेश दे रहे हैं। बाउंसर डाक्टर को खींचकर ले जाते हैं।

डाक्‍टर के प‍िता ने बेटे को बचाने का क‍िया प्रयास

इस दौरान डाक्टर के बुजुर्ग पिता डा. वीरेन्द्र चौधरी बेटे को बचाने का प्रयास करते हैं तो बाउंसर उन्हें भी धक्का मारते हुए ले जाते हैं। हालांकि दैनिक जागरण प्रचलित वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वहीं, बाबा मीडिया और पुलिस से अब समर्थकों के बीच मारपीट होने का दावा कर रहे हैं। वहीं, मामले को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नगर संयोजक प्रदीप यादव ने कार्रवाई की मांग की है। कहा कि लोगों से धोखाधड़ी करने वाले की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तारी की जाए।

आश्रम के गार्डों ने मारा था कार सवारों को

योगेश कुमार से पहले प्रकाश चंद्र शर्मा थाना प्रभारी थे। उनके कार्यकाल में ओवरटेक करने को लेकर आश्रम के सुरक्षा गार्डों ने कार सवारों को पीटा था। मारपीट के दौरान उनके मुंह में पिस्टल भी लगा दी थी। पीड़ितों ने सुरक्षा गार्डों के खिलाफ तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में पहले बाबा ने समझौते का प्रयास किया, लेकिन मामला न दबने पर बाबा ने सुरक्षा गार्डों की ओर से कार सवारों के खिलाफ भी तहरीर दिला दी थी।

डा. सिद्धार्थ की ओर से जो मुकदमा दर्ज कराया गया है, उनकी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच कराई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बीपी जोगदण्ड, पुलिस आयुक्त

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