कानपुर लोडर चालक हत्याकांड का खुलासा, गमछे से गला कसकर की थी हत्या, सवारी बनकर रची मौत की साजिश
कानपुर देहात निवासी हर्ष चौधरी ने बताया कि वो इस साल इंटरमीडिएट की परीक्षा दे रहा था।लेकिन गलत संगत में पड़कर चंद रुपयों के लालच में गुनाह कर डाला। हर्ष ने बताया कि उसके परिवार में तीन लोग दारोगा हैं व एक चचेरा भाई प्रशासनिक अधिकारी भी है। शुक्रवार को थाने पहुंचे उसके चाचा रमेश उसको हवालात में देखकर फफक - फफकर कर रोने लगे।
संवाद सहयोगी,महाराजपुर। कानपुर देहात निवासी लोडर चालक की हत्या के सभी आरोपित 18 से 25 साल के बीच के हैं।आरोपितों ने जिस तरीके से वारदात को अंजाम दिया उसको जानकर ये लगा कि ये नौसिखिये नहीं बल्कि बेहद शातिर अपराधी हों।
हिमांशु व हर्ष औरैया से सवारी बनकर लोडर में बैठे थे।इसके बाद चालक को शराब पिलाई और गमछे से गला कसकर हत्या के बाद शव कालपी में फेंककर फरार हो गए। हिमांशु लोडर चलाकर महाराजपुर आया। यहां महाराजपुर निवासी साथी अंकुश के साथ मिलकर लोडर ठिकाने लगाने की योजना बनाई। लोडर बेंचने से पहले ही आरोपितों की पुलिस से मुठभेड़ हो गई और तीन पकड़े गए। दो फरार हो गए।तीनों आरोपितों को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया।
कानपुर देहात के भलार देवराहट निवासी लोडर चालक अरुण बीती 29 फरवरी को भाड़ा लेकर शिकोहाबाद गया था। वापसी में औरैया से जालौन के कालपी गुड़ाखास निवासी 22 वर्षीय हिमांशु निषाद व कानपुर देहात के भोगनीपुर चांदापुर का 19 वर्षीय हर्ष चौधरी सवारी बनकर लोडर में बैठ गए।
इसी दौरान दोनों अरुण की हत्या कर लोडर लूटने की योजना बना डाली।रात में दोनों ने पहले अरुण को शराब पिलाई।इसके बाद गमछे से गला कसकर उसकी हत्या कर दी और शव कालपी में फेंककर गाड़ी लेकर फरार हो गए। अरुण ने हत्या से पहले अपने भाई को बचा लेने की बात कही थी।
उसके बाद फोन बंद हो गया था। सर्विलांस की मदद से पुलिस ने महाराजपुर निवासी रजत को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो घटना के तार जुड़ते गए।घटना में छह आरोपितों के शामिल होने की बात पुलिस को पता चली।लोडर लूटने के बाद हिमांशु व हर्ष महाराजपुर पहुंचे।
यहां हर्ष ने कनवापुर तिलसहरी निवासी अपने मित्र 20 वर्षीय अंकुश को फोनकर लोडर ठिकाने लगाने की बात कही। अंकुश ने महाराजपुर बौसर निवासी रजत, आर्यन व रौनक को भी लोडर बेंचने की योजना में शामिल कर लिया। आर्यन व रौनक ने लोडर बिकवाने की जिम्मेदारी ली थी। जबकि रजत ने अपने परिचित के नर्वल मोड़ स्थित एक खाली प्लाट में लोडर खड़ी करवाई थी।
आरोपितों की मंशा थी कि लोडर बेंचकर रकम आपस में बांट ली जाएगी। लेकिन इससे पहले ही गुरुवार रात महाराजपुर के महुआगांव मोड़ के पास आरोपितों की पुलिस से मुठभेड़ हो गई। जिसमें हिमांशु के पैर में गोली लगी। घेराबंदी में हिमांशु,हर्ष व अंकुश को गिरफ्तार कर लिया गया।जबकि आर्यन व रौनक फरार हो गए। तीनों पकड़े गए आरोपितों को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया।घटना के बाद हिमांशु कल्यानपुर में छिप गया था।
हर्ष इंटरमीडिएट का है छात्र , घर में तीन लोग हैं दारोगाकानपुर देहात निवासी हर्ष चौधरी ने बताया कि वो इस साल इंटरमीडिएट की परीक्षा दे रहा था।लेकिन गलत संगत में पड़कर चंद रुपयों के लालच में गुनाह कर डाला। हर्ष ने बताया कि उसके परिवार में तीन लोग दारोगा हैं व एक चचेरा भाई प्रशासनिक अधिकारी भी है। शुक्रवार को थाने पहुंचे उसके चाचा रमेश उसको हवालात में देखकर फफक - फफकर कर रोने लगे। बोले क्या कमी थी जिसके लिए तूने ये कर डाला।
रजत के पिता की शुक्रवार को थी तेरहवीं मुख्य हत्यारोपितों की गिरफ्तारी में अंकुश के दोस्त रजत से पुलिस को अहम जानकारियां मिली। जिस दिन चालक की हत्या हुई थी। उसके पांच दिन पहले रजत के पिता की बीमारी से मौत हो गई थी। शुक्रवार को रजत के पिता की तेरहंवी थी। रजत मैथ से एमएससी है और बीएड की तैयारी कर रहा है।महाराजपुर इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि लोडर चालक की हत्या में शामिल हिमांशु,हर्ष व अंकुश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।रौनक व आर्यन फरार हैं।रजत भी मामले में वांछित है।
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