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Kanpur Metro : भूमिगत नहीं एलीवेटेड होगा सीएसए स्टेशन, टेंडर से पहले डिजाइन बदलने का काम शुरू

कानपुर में यूपीएमआरसी अभी तक सीएसए से डबल पुलिया स्टेशन तक भूमिगत ट्रैक बनना था लेकिन अब सीएसए में ऐलीवेटेड स्टेशन बनाने के लिए अफसरों ने कंपनी बाग चौराहे पर ड्रोन से वीडियोग्राफी कराई है और डिजाइन बदलने का काम शुरू किया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 30 Oct 2022 11:38 AM (IST)Updated: Sun, 30 Oct 2022 11:38 AM (IST)
कानपुर शहर में मेट्रो का काम तेजी से जारी है ।

कानपुर, जागरण संवाददाता। मेट्रो का सीएसए स्टेशन अब भूमिगत नहीं एलीवेटेड होगा। मेट्रो अधिकारियों ने इसकी डिजाइन बदलने पर काम भी शुरू कर दिया है। इसके साथ ही नवाबगंज स्थित कंपनी बाग चौराहा पर ड्रोन से वीडियोग्राफी करा इसका आकलन किया जा रहा है कि इसे कैसे बनाना है। इस डिजाइन को पूरा करने के बाद ही सीएसए से बर्रा आठ वाले दूसरे कारिडोर का टेंडर जारी किया जाएगा।

मेट्रो के पहले कारिडोर में आइआइटी से मोतीझील के बीच ट्रेनों का संचालन हो रहा है। वहीं चुन्नीगंज से नौबस्ता स्टेशन के बीच रूट पर तेजी से काम चल रहा है। सीएसए से बर्रा आठ वाले दूसरे कारिडोर पर काम शुरू नहीं हुआ है। मेट्रो ने काम शुरू करते समय इसमें सीएसए से डबल पुलिया तक चार स्टेशन भूमिगत और उसके बाद विजय नगर से बर्रा आठ तक के चार स्टेशन एलीवेटेड रखने की योजना बनाई थी।

अब टेंडर जारी होने से पहले सीएसए स्टेशन की डिजाइन बदली जा रही है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार शहर में आए थे तो कंपनी बाग चौराहा पर निरीक्षण के दौरान उन्होंने वहां एलीवेटेड स्टेशन बनाने की बात कही। इसके बाद मेट्रो के अधिकारियों ने इसके हिसाब से डिजाइन पर काम शुरू कर दिया है।

भूमिगत स्टेशन और रूट बनाना काफी महंगा

अधिकारियों के अनुसार, एलीवेटेड के मुकाबले भूमिगत स्टेशन और भूमिगत रूट बनाना काफी महंगा होता है। चार भूमिगत स्टेशन में से एक को एलीवेटेड बनने से खर्च काफी कम हो जाएगा। रावतपुर स्टेशन से पहले एलीवेटेड ट्रैक को फिर भूमिगत कर दिया जाएगा। इस तरह अब दूसरे कारिडोर में रावतपुर, काकादेव, डबल पुलिया भूमिगत स्टेशन रहेंगे। इसके बाद विजय नगर, सीटीआइ, शास्त्री चौक, बर्रा आठ एलीवेटेड स्टेशन होंगे।

झकरकटी मेट्रो स्टेशन की दीवारें बनाने का काम पूरा

झकरकटी के भूमिगत मेट्रो स्टेशन की दीवारें बनकर तैयार हो गई हैं। इसके साथ ही छत का स्लैब भी 50 प्रतिशत पूरा हो गया है। झकरकटी मेट्रो स्टेशन पर दीवार बनाने का काम 10 जून को शुरू हुआ था। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर के मेट्रो स्टेशन की दीवारों का काम 65 प्रतिशत हो चुका है। झकरकटी मेट्रो स्टेशन में 66 सीमेंटेड दीवारें ढलाई करके लगाई गई हैं। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो स्टेशन में 84 पैनल लगने हैं। इनकी चौड़ाई छह मीटर और मोटाई लगभग 1 मीटर है। इन्हें 19 मीटर गहराई तक तैयार किया जा रहा है।

मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि सेंट्रल स्टेशन से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच बन रहा भूमिगत सेक्शन शहर के सबसे व्यस्त इलाकों से होकर गुजर रहा है। बारादेवी से नौबस्ता स्टेशन के बीच खंभे बनाने की तैयारी हो रही है।


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