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कानपुर में मेट्रो रूट पर नहीं बहाल हो सके ट्रैफिक सिग्नल और कैमरे, बढ़ती जा रही ई-रिक्शा और टेंपो चालकों की अराजकता

मेट्रो कार्य के चलते आइआइटी से गोल चौराहा और यहां से मोतीझील के बीच प्रमुख चौराहों मोतीझील स्वरूप नगर गोल चौराहा गुटैया क्रासिंग पालीटेक्निक चौराहा विश्वविद्यालय कल्याणपुर क्रासिंग और आइआइटी चौराहे पर लगे यातायात सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे हटाए गए।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Mon, 10 Jan 2022 07:16 AM (IST)
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आटो-टेंपो और ई-रिक्शा चालकों की अराजकता भी बढ़ी है। प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। मेट्रो के पहले चरण के निर्माण के दौरान जीटी रोड और गोल चौराहे से मोतीझील के बीच ट्रैफिक सिग्नल और लगाए गए सीसीटीवी कैमरे हटाए गए थे। इस रूट पर मेट्रो चलने के बाद भी अब तक इन्हें दोबारा नहीं लगाया जा सका है। जिससे इस रूट पर व्यवस्थित तरीके से यातायात के संचालन में समस्याएं हो रही हैं। वहीं आटो-टेंपो और ई-रिक्शा चालकों की अराजकता भी बढ़ी है।

शहर के बिगड़े ट्रैफिक को पटरी पर लाने के लिए प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल, सेंसर और सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। मेट्रो कार्य के चलते आइआइटी से गोल चौराहा और यहां से मोतीझील के बीच प्रमुख चौराहों मोतीझील, स्वरूप नगर, गोल चौराहा, गुटैया क्रासिंग, पालीटेक्निक चौराहा, विश्वविद्यालय, कल्याणपुर क्रासिंग और आइआइटी चौराहे पर लगे यातायात सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे हटाए गए। इससे यहां फिर से वाहनों की अराजकता शुरू हो गई है। अराजकता के चलते यहां व्यवस्थित यातायात के संचालन की व्यवस्था पूरी तरह से धड़ाम है। हर कोई पहले निकलने की होड़ में रफ्तार से वाहनों को दौड़ाते हैं। इससे व्यवस्थित ट्रैफिक का संचालन नहीं हो पा रहा है। वहीं कैमरे न होने से आटो-टेंपो, ई-रिक्शा, वैन और डग्गामार बसों चालकों में चालान और कार्रवाई का खौफ भी नजर नहीं आता है। मेट्रो बनने के बाद यहां की सड़क मोटरेबल कर दी गई, लेकिन सिग्नल और कैमरे अब तक दोबारा नहीं लगाए जा सके हैं, जिससे ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को यातायात संचालन में मशक्कत करनी पड़ रही है।

कैमरे लगवाने के दिए निर्देश: डीसीपी ट्रैफिक/ पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि मेट्रो रूट के स्टेशनों में पार्किंग से लेकर सड़क के दोनों ओर का हिस्सा कवर करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए मेट्रो अफसरों को पत्र भेजा गया है। वहीं सिग्नल व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए टीआइ पश्चिम विनय कुमार को रूट का सर्वे करके रिपोर्ट मंगाई है। उसी आधार पर सीसीटीवी लगवाने के लिए मेट्रो अफसरों से पत्राचार किया जाएगा।

मेट्रो अफसरों ने कहा, नगर निगम को लगाने के लिए दे दिया धन : उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्रा ने बताया कि जब काम शुरू कर रहे थे, तभी नगर निगम को बताया था कि मेट्रो का काम शुरू हो रहा है, इस रूट पर लाइट व सिग्नल हटा लें। नगर निगम ने इन्हें हटाकर अपने स्टोर में रख लिया था। इन्हें दोबारा लगाने के लिए धन भी नगर निगम को दे दिया गया है, इसके साथ यह पत्र भी नगर निगम को दे दिया है कि प्राथमिक कारिडोर का काम खत्म हो गया है, अब नगर निगम लाइट व सिग्नल लगा सकता है।

चुनाव होने तक अंधेरे में रहेगा मेट्रो रूट: आइआइटी से मोतीझाल तक मेट्रो रूट तैयार हो जाने के बाद भी लोगों को अंधेरे में गुजरना होगा। मेट्रो निर्माण के चलते दो साल पहले सात सौ एलईडी लाइटें पोल सहित हटाई गई थी। इसके लगाने के लिए दो करोड़ रुपये का एस्टीमेट बना है। नगर निगम के मार्ग प्रकाश विभाग के मुख्य अभियंता आरके पाल ने बताया कि मेट्रो ने पत्र लगाने के लिए दिया है। एस्टीमेट तैयार हो चुका है। अब चुनाव आचार संहिता के बाद ही लाइटें लग पाएगी। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने बताया कि मेट्रो से एक सप्ताह पहले ही पत्र भेजा गया है। धन दे दिया है। आटोमैटिक सिग्नल लगाने और सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मार्ग प्रकाश विभाग के टेंडर कराने होगे। एस्टीमेट तैयार है। आयोग से स्वीकृति लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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