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Kanpur News: अपहरण के मामले में जांच करने गए दारोगा और सिपाही पर हमला, युवती ने किया कपड़े फाड़ने का प्रयास

ककवन थाना क्षेत्र के विषधन चौकी के गांव हरीपुरवा में रविवार की शाम युवती के अपहरण के एक मामले में विवेचना को गए दारोगा और सिपाही के साथ पीड़ित पक्ष से झड़प हो गई। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि दारोगा ने परिवार की एक युवती को जबरन पकड़ लिया।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Mon, 26 Dec 2022 12:28 AM (IST)
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आरोप है कि दारोगा ने परिवार की एक युवती को जबरन पकड़ लिया।
कानपुर, जागरण संवाददाता: ककवन थाना क्षेत्र के विषधन चौकी के गांव हरीपुरवा में रविवार की शाम युवती के अपहरण के एक मामले में विवेचना को गए दारोगा और सिपाही के साथ पीड़ित पक्ष से झड़प हो गई। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि दारोगा ने परिवार की एक युवती को जबरन पकड़ लिया और उसके साथ अभद्रता की। इस घटना से संबंधित एक वीडियो भी प्रचलित हुआ, जिसमें दारोगा परिवार की एक युवती को पकड़े हुए नजर आ रहा है। 

वहीं थाना पुलिस का दावा है कि पूछताछ के दौरान विवेचना को गए दारोगा व सिपाही को बंधक बनाने का प्रयास किया गया। युवती कपड़े फाड़ना चाहती थी, इसलिए उसे रोकने के लिए दारोगा ने पकड़ लिया। हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस आयुक्त ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। 

बहला फुसलाकर भगाने ले जाने के आरोप में दर्ज था मुकदमा

थाना ककवन में आइपीसी की धारा 366 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें गांव की एक युवती को बहला फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप था। पुलिस ने अपहृत युवती को बरामद किया तो उसने आरोपित के पक्ष में बयान दिया और बताया कि उन्होंने शादी कर ली है। कोर्ट के आदेश पर युवती को लड़के वालों के सुपुर्द कर दिया गया था। 

इसी प्रकरण में विवेचना लंबित है। विवेचना विषधन चौकी के दारोगा गर्वित त्यागी कर रहे हैं। एसीपी बिल्हौर आलोक सिंह ने बताया कि दारोगा गर्वित त्यागी चौकी के सिपाही माधव के साथ हरीपुरवा गांव उक्त युवती के मायके उसका आधार कार्ड लेने पहुंचे थे। वहां पर पूछताछ के दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। 

इंटरनेट पर प्रसारित हुआ वीडियो

कुछ समय बाद इंटरनेट मीडिया पर इस घटना से संबंधित एक वीडियो प्रचलित हुआ, जिसमें बंद कमरे में चौकी प्रभारी एक युवती को जबरन पकड़े दिखाई पड़ रहे हैं। युवती उनके चंगुल से छूटने की कोशिश कर रही है। 

मामला संज्ञान में आते ही पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने मामले में एडीसीपी पश्चिम लखन सिंह, एडीसीपी दक्षिण अंकिता शर्मा और एसीपी बिल्हौर आलोक सिंह को मौके पर जाकर जांच के आदेश दिए। पुलिस आयुक्त ने बताया कि घटना से संबंधित कुछ और वीडियो भी सामने आए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।

यह है दोनों पक्षों का दावा

एसीपी आलोक सिंह ने बताया कि गांव से ही एक और वीडियो मिला है, जिसमें दिखाई पड़ा है कि घर की महिलाएं अनुरोध करके दोनों पुलिसकर्मियों को घर के अंदर ले गई। परिवार वाले दबाव डाल रहे थे कि पुलिस लड़की को उनके सुपुर्द कराए और मामले में चार्जशीट दायर करे, जबकि मामले में अंतिम रिपोर्ट लगने की स्थिति है। जब महिलाओं व अन्य ने सिपाही का मोबाइल छीनने का प्रयास किया तो वह दस फीट ऊंची दीवार फांदकर बाहर आ गया। 

बाद में सिपाही ने गांव के ही एक युवक के फोन से 112 नंबर पर फोन करके पुलिस की मदद मांगी। इधर दारोगा को बंधक बना लिया गया, जो वीडियो में दिखाई पड़ रही है, वह लड़की की बड़ी बहन है। वह अपने कपड़े फाड़ना चाहती थी, ताकि दारोगा का फंसाया जा सके, इसलिए दारोगा उसे पकड़े हुए था।

वहीं पीड़ित पक्ष का कहना है कि दारोगा गलत नियत से अंदर घुसा और बंद कमरे में लड़की को दबोच लिया। दारोगा घर के अंदर क्यों आया? बंद कमरे में वह क्या कर रहा था? अब बचाव में उन लोगों पर ही गलत आरोप मढ़े जा रहे हैं।

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