पांच बच्चों के अब्बा ने 58 की उम्र में किया निकाह, 12 दिन बाद भरी अदालत में खुली रिश्ते की बातें; पढ़ें पूरा मामला
Kanpur News अजब निकाह की गजब कहानी है। पांच बच्चों के 69 वर्षीय अब्बा ने दूसरा निकाह तो किया लेकिन निकाह के पांच दिन बाद ही बेगम अपने शौहर की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंच गई। यही नहीं निकाह के ठीक 12 दिन बाद कोर्ट में भी गुहार लगा दी। बेगम ने आरोप लगाया कि शौहर उसे छोड़कर बहन से निकाह करना चाहता है।
आशुतोष मिश्र, कानपुर। अजब निकाह की गजब कहानी है। पांच बच्चों के 69 वर्षीय अब्बा ने दूसरा निकाह तो किया, लेकिन निकाह के पांच दिन बाद ही बेगम अपने शौहर की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंच गई। यही नहीं निकाह के ठीक 12 दिन बाद कोर्ट में भी गुहार लगा दी।
बेगम ने आरोप लगाया कि शौहर उसे छोड़कर बहन से निकाह करना चाहता है। बेडरूम की बातें भरी अदालत में उछलने लगीं। शौहर ने गंभीर आरोप लगाया कि बेगम शारीरिक संबंध बनाने में अक्षम है, इसलिए वह छुटकारा (तलाक) चाहता है। इनकी लड़ाई 11 वर्ष से कोर्ट में चल रही है।
11 वर्ष से काट रहे कोर्ट के चक्कर
पत्नी की तरफ से तीन तो पति की तरफ से एक मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन हैं। मुकदमों की पैरवी में हर तारीख पर 11 वर्ष से दोनों कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं।
नाला रोड चमनगंज के पांच बच्चों के पिता ने पहली पत्नी का निधन होने पर 58 वर्ष की उम्र में तलाक महल बेकनगंज की 30 वर्ष की एक युवती से चार फरवरी 2012 को दूसरा निकाह किया था। निकाह के दूसरे दिन से दोनों में अनबन हो गई।
बेटों के साथ मारपीट का लगाया था आरोप
नौ फरवरी 2012 को पत्नी ने डीआइजी से शिकायत की। आरोप लगाया कि शौहर अपने बेटों के साथ मारपीट करता है। 16 फरवरी 2012 को पत्नी ने पति के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया।
आरोप लगाया कि पति कहता है कि उसकी बहन ज्यादा सुंदर है, इसलिए वह उससे शादी करेगा। इसके बाद पत्नी ने घरेलू हिंसा और गुजारा भत्ते का मुकदमा भी दाखिल कर दिया। 12 अप्रैल 2016 को पति ने तलाक का मुकदमा दाखिल कर दिया।
अधिवक्ता शिवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि पति के पैरवी न करने पर बीती 27 सितंबर को पारिवारिक न्यायालय अपर प्रधान न्यायाधीश रेखा सिंह की कोर्ट ने तलाक का मुकदमा खारिज कर दिया। इस पर पति की तरफ से मुकदमा पुनर्स्थापना की अर्जी दी गई। इस पर सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई की अगली तारीख पांच दिसंबर लगी है। गुजारा भत्ता के मुकदमे में कोर्ट के आदेश पर हर माह पति अपनी पत्नी को पांच हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देता है।
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