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Kanpur News: मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट, षडयंत्र की क्या है पूरी कहानी? किसान बाबू सिंह की जुबानी

मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या करने वाले किसान बाबू सिंह की जमीन पर कई लोगों की नजर थी। इसमें उनके साथ सबसे बड़ा छल उनके ही एक रिश्तेदार ने किया। किसान उसके जाल में फंसता गया और षडयंत्र का शिकार हो गया। दैनिक जागरण को कोर्ट से उनकी पूर्व की शिकायत की नकल मिली हैजिसमें बाबू सिंह ने उनके साथ हुए षडयंत्र की कहानी बयां की है।

By ankur ShrivastavaEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Thu, 14 Sep 2023 04:58 PM (IST)
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मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या करने वाले किसान बाबू सिंह की जमीन पर कई लोगों की नजर थी।
जागरण संवाददाता, कानपुर। मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या करने वाले किसान बाबू सिंह की जमीन पर कई लोगों की नजर थी। इसमें उनके साथ सबसे बड़ा छल उनके ही एक रिश्तेदार ने किया। किसान उसके जाल में फंसता गया और षडयंत्र का शिकार हो गया। दैनिक जागरण को कोर्ट से उनकी पूर्व की शिकायत की नकल मिली है,जिसमें बाबू सिंह ने उनके साथ हुए षडयंत्र की कहानी बयां की है।

चकेरी गांव निवासी बाबू सिंह यादव ने शनिवार सुबह ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखकर उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन आशु दिवाकर अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी जमीन हड़प ली है। पत्नी बिट्टन ने भाजपा नेता, भतीजे जितेंद्र, अपने रिश्तेदार व भाजपा नेता का पूर्व चालक बबलू मधुर पांडेय, शिवम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

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इससे पहले भी बाबू सिंह ने कोर्ट में शिकायत की थी,जिसके अनुसार, अहिरगवां गांव परगना की आराजी संख्या 1609 के विभिन्न रकवा का संक्रमणीय भूमिधर किसान हैं। पहले उस भूमि की गाटा संख्या पूसा के नाम थी। पूसा के कोई संतान न होने पर उन्हें गोद लिया था। पूसा की निधन 14 नवंबर 1997 को हो गया था। दत्तक पुत्र होने के कारण भूमि का स्वामित्व उनका हो गया था। पूसा के निधन के बाद वह चकेरी गांव में रहने लगे थे।

इसका फायदा उठा नरेन्द्र यादव ने पूसा की फर्जी वसीयत बनाकर उनकी भूमि पर कब्जा कर लिया। इस दौरान पीड़ित का रिश्तेदार हरजिंदर नगर टटियाझनाका निवासी बब्लू यादव मिला। उसने मदद का भरोसा दिलवाया और 19 सितंबर 2018 को पंजीकृत इकरारनामा को राजन कुमार वर्मा, बब्लू यादव और अशोक कुमार के पक्ष में 15 लाख विक्रय मूल्य दिखाते हुए निष्पादित किर दिया। जबकि विक्रय अनुबंध में संपत्ति की कीमत वर्ष 2018 में करीब छह करोड़ थी, लेकिन बब्लू स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए ऐसा कराया था। इसके बाद बब्लू ने उनके नाम को राजस्व प्रापत्रों में चढ़वा दिया।

नरेन्द्र यादव का कब्जा भी हटवाया। उसके बाद बब्लू ने ज्यादा लाभ का लालच देकर भूमि को बेचने का दबाव बनाया और मैनपुरी निवासी डॉ. प्रियरंजन आशु से मिलवाया। उसके बाद नोएडॉ गौतमबुद्ध नगर ले जाकर राहुल जैन से मिलवाया।राहुल ने उनकी भूमि से रकवा 1.1215 हेक्टेयर को करीब 6.55 करोड़ में खरीदने का प्रस्ताव रखा। वह राजी हो गए। विक्रय अनुबंध 18 सितंबर 2023 को बनाया गया और विक्रय किया गया, लेकिन विक्रय पत्र में बिक्री धनराशि 25 लाख रुपये बब्लू ने दर्शायी पर उन्हें राहुल जैन के नाम की 20 लाख रुपये, पांच लाख की दो चेकें एक्सिस बैंक की नोएडा की दी और 3 करोड़ 14 लाख 80 हजार व 1 करोड़ 57 लाख 40 हजार और 1 करोड़ 57 लाख 40 हजार रुपये की तीन चेकें शिवम सिंह चौहान के हस्ताक्षर की दी थी।

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बाद में शिवम के हस्ताक्षर वाली तीनों चेकें कुछ गलतियां बता वापस बब्लू ने ले ली।उसकी फोटो कापी जरूर दी गई।पीड़ित लगातार बब्लू के अनुसार कार्य करता जा रहा था।इसके बाद बब्लू ने जब बब्लू से छह करोड़ रुपये मांगे तो उसने धमकाना शुरू कर दिया। राहुल से बात की तो उसने कहा कि उससे सौदा ही नहीं हुआ। मामले में पुलिस का कहना है कि चेकों के मिलाने के लिए रिपोर्ट भेजी गर्ठ है। रजिस्ट्री विभाग से प्रमाणित प्रति समेत दस्तावेज की पंजीकृत दस्तावेज निकलवाए गए हैं।

करोड़ों की जमीन, लाखों में सौदा, खाते में चार हजार

पुलिस ने बाबू सिंह के बैंक खाते को खंगाला तो एक खाते में मधुर पांडे द्वारा दिए गए 68 लाख 50 हजार की चेक क्रेडिट हुई थी। अन्य छोटे ट्रांजेक्शन भी मिले। यूनियन बैंक के खाते में सिर्फ चार हजार हैं,जो 68 लाख 50 हजार आए थे। उनमें कुछ बेटी व पत्नी के खाते में भेजे थे और कुछ नगत निकले हैं। आरोपितों के बैंक डिटेल नहीं मिल पाई है।

कानपुर से दिल्ली तक छापेमारी, सभी आरोपित फरार

भाजपा नेता समेत छह आरोपित की तलाश में बुधवार को पुलिस कानपुर से दिल्ली तक छापेमारी की। मैनपुरी उसके घर भीपहुंची थी, लेकिन नहीं मिले। दिल्ली में किसी बड़े नेता के घर छिपे होने की संभावना जताई है। राहुल जैन की तलाश में नोएडा में तीन स्थानों पर छापेमारी की। आशु दिवाकर की पत्नी भी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं। वह भी फरार हैं। आरोपितों के मोबाइल नंबर बंद है।

आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस आयुक्त से गुहार

न्याय संघर्ष समिति के संरक्षक अभिमन्यु गुप्ता समेत पदाधिकारी बुधवार को दिवंगत किसान के परिवार के साथ पुलिस आयुक्त से मिला और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि आरोपित कितने भी ताकतवर हों वह बक्शे नहीं जाएंगे।

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