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Kanpur News: अदालत में खुली UP पुलिस की पोल, मामूली चोट को बना दिया गोली का जख्म

साबिर अली और उनके परिवार के खिलाफ पुलिस को जहां मौका मिला वहीं खेल कर दिया। वर्ष 2019 में दर्ज हत्या के प्रयास से जुड़े जिस मुकदमे को आधार बनाकर चमनगंज पुलिस ने गैंगस्टर तामील किया था उसकी सच्चाई पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। अदालत में चल रही बहस के दौरान मेडिकल करने वाले डॉ. केएन कटियार ने दावा किया है कि घायल को गोली नहीं लगी थी।

By gaurav dixitEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Wed, 06 Sep 2023 10:00 PM (IST)
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साबिर अली और उनके परिवार के खिलाफ पुलिस को जहां मौका मिला, वहीं खेल कर दिया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। साबिर अली और उनके परिवार के खिलाफ पुलिस को जहां मौका मिला, वहीं खेल कर दिया। वर्ष 2019 में दर्ज हत्या के प्रयास से जुड़े जिस मुकदमे को आधार बनाकर चमनगंज पुलिस ने गैंगस्टर तामील किया था, उसकी सच्चाई पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। अदालत में चल रही बहस के दौरान मेडिकल करने वाले डॉ. केएन कटियार ने दावा किया है कि घायल को गोली नहीं लगी थी, जबकि पुलिस ने इसी आधार पर चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी।

चमनगंज निवासी शाकिर अली का अपने भाइयों साबिर अली, जाकिर अली, अख्तर अली और परवेज अली से संपत्ति विवाद है। शाकिर अली ने पुलिस में अपनी पैठ का इस्तेमाल करते हुए 10 मई 2019 को अनवरगंज में बलवा, मारपीट व धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। तीन दिन बाद 13 मई को चमनगंज में हत्या के प्रयास में मुकदमा दर्ज करा दिया।

इन्हीं दोनों मुकदमों को आधार बनाते हुए तत्कालीन इंस्पेक्टर चमनगंज रवि श्रीवास्तव ने 24 अक्टूबर 2019 को साबिर अली के बेटे आदिल व उनके एक रिश्तेदार अनवारुल हक के खिलाफ गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया। हालांकि तत्कालीन अफसरों ने हिम्मत दिखाते हुए गैंगस्टर में भी फाइनल रिपोर्ट लगवाई थी, लेकिन वादी की आपत्ति के बाद पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। वह भटक रहे हैं। अब हत्या के प्रयास की धारा में दर्ज मुकदमे को लेकर भी पुलिस का खेल सामने आया है।

13 मई 2019 को चमनगंज में दर्ज मुकदमे में साबिर के बेटे आदिल व अनवारुल हक को आरोपित बनाया गया था। दावा किया गया था कि इन दोनों ने शाकिर अली के बेटे आमिर अली व एक अन्य अमन को गोली मारकर घायल कर दिया था। पीड़ितों के मुताबिक मुकदमे की जांच दारोगा अतीफ ने की थी, जोकि उनसे रंजिश रखते थे। उन्होंने बिना जांच चार्जशीट लगा दी।

मामला अदालत में विचाराधीन है। डॉ. कटियार ने अदालत को बताया है कि दोनों के घाव गोली के नहीं है। ब्लैकनिंग व बर्निंग के साथ बारूद की मौजूदगी नहीं मिली। दोनों को लगी चोटें जानलेवा नहीं थीं। उन्होंने संभावना जताई कि इस तरह की चोट सूजे से हो सकती हैं।

वहीं घायल अमन ने हमलावरों को पहचानने व गोली चलाते देखने से इन्कार किया है। एक अन्य गवाह सनी शर्मा ने अदालत को बताया है कि पुलिस ने उसका नाम पता नोट किया था और बयान अपने मन से लिख लिया। उन्होंने कोई बयान नहीं दिए। डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि साबिर अली के शिकायती पत्र पर मामले की जांच की जा रही है।