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Kanpur News : पिपौरी के कब्जेदारों को जारी होगी नोटिस, खाली जमीनों पर लिया जाएगा कब्जा

कानपुर के मकसूदाबाद और पिपौरी की जमीन का पट्टा करने के आदेश से जुड़ी फाइलों की तलाश की जाएगी। इसके लिए तहसील कर्मियों को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही पिपौरी में कब्जेदारों को जल्द नोटिस जारी किए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh MishraUpdated: Fri, 14 Oct 2022 03:09 PM (IST)
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कानपुर में फिर कब्जेदारों को नोटिस दिया जा रहा है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। मकसूदाबाद और पिपौरी की जमीन का पट्टा करने के आदेश से जुड़ी फाइलों की तलाश की जाएगी। इसके लिए तहसील कर्मियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही पिपौरी में कब्जेदारों को जल्द नोटिस जारी किए जाएंगे, जबकि खाली जमीनों पर कब्जा लिया जाएगा।

मकसूदाबाद की 105 बीघा आठ बिस्वा जमीन का पट्टा वर्ष 1963 में 16 लोगों को और पिपौरी की 63 बीघा जमीन का पट्टा वर्ष 1975 में 30 लोगों को किया गया था। सरकारी जमीन से जुड़ा मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने सभी पट्टे निरस्त करते हुए जमीन को सरकारी खाते में दर्ज करा दिया था। इन जमीनों को पट्टा करने संबंधी आदेश से जुड़ी फाइलें तहसील से गायब हैं।

जिसे लेकर प्रशासन भी सख्त है। अब दोनों फाइलों को ढूंढने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि मकसूदाबाद और पिपौरी में किए गए पट्टे संबंधी आदेश की फाइल गायब है, जबकि इन पट्टों के क्रम में भूमि का असंक्रमणीय से संक्रमणीय घोषित करने के आदेश की फाइल मौजूद है।

मकसूदाबाद में फिर ढूंढ़े जा रहे भूमाफिया

मकसूदाबाद में सरकारी जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाले आठ लोगों को भूमाफिया घोषित किया गया है जबकि यहां कई और नाम सामने आए हैं। इसे लेकर जिलाधिकारी के आदेश पर तहसील अधिकारियों ने एक बार फिर मकसूदाबाद में भूमाफिया ढूंढ़ने शुरू कर दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक यहां आठ नाम ऐसे हैं जिनकी जांच चल रही है। जल्द ही इनके खिलाफ भी भूमाफिया की कार्रवाई की जाएगी।

बता दें मकसूदाबाद में भूमाफिया की एक रिपोर्ट तैयार हुई थी जिस पर लेखपाल अमित दीक्षित ने रुपये लेकर नाम निकाल दिए। आडियो वायरल होने के बाद इसका राजफाश हुआ था, जिसके बाद जिलाधिकारी ने उसे निलंबित कर दिया था। अब पुन: उसी रिपोर्ट को आधार बनाकर जांच शुरू की गई है।

मकसूदाबाद में इन नामों पर जांच शुरू

मकसूदाबाद में जिला प्रशासन ने आठ भूमाफिया चिंह्नित कर उन्हें सूची में शामिल कर लिया है। यहां बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों को बेचने वाले कई नाम छूट गए थे जिसके बाद प्रशासन ने अब इन नामों की जांच भी शुरू कर दी है। जल्द ही इन्हें भी भूमाफिया की सूची में शामिल किया जा सकता है। एसडीएम सदर के निर्देश पर जांच शुरू हो चुकी है जो एक दो दिन में पूरी हो जाएगी।

सिविल लाइंस निवासी भाई अजीत मोहन चौधरी, प्रदीप मोहन चौधरी और दिलीप मोहन चौधरी, फजलगंज निवासी ट्रेड स्टोन लिमिटेड के निदेशक कृष्ण कुमार बाधवा, काकादेव नवीन नगर निवासी बाबा आंदेश्वर इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के चीफ एक्जीक्यूटिव संदीप कुशवाहा, काकादेव हितकारी नगर निवासी कमलेश त्रिवेदी, कल्यानपुर राधापुरम निवासी मलिखान सिंह, शारदा नगर के राहुल यादव और राजेश यादव, आवास विकास सत्यम विहार निवासी विवेक शुक्ला, बिठूर के नवशीलधाम निवासी दिलीप यादव, पनकी के महावीरपुरम निवासी जगदीश पाल, विजय नगर निवासी शैलेंद्र शुक्ला, कल्यानपुर गूबा गार्डेन निवासी मान सिंह।

जिले में 100 भूमाफिया

जिले में अब भूमाफिया की संख्या बढ़कर सौ पहुंच गई है। इससे पहले यह संख्या 77 थी। हाल ही में पीडब्ल्यूडी कोआपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के निदेशक, मकसूदाबाद के आठ और पिपौरी के 14 लोगों को भूमाफिया घोषित किया गया था, जिसके बाद अब यह संख्या 100 पहुंच गई है।

जानकारी मिली है कि कई नाम छूट गए हैं। इसलिए पुन: जांच के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद उन्हें भी भूमाफिया घोषित किया जाएगा। पट्टे संबंधी फाइल ढूंढ़ने के निर्देश एसडीएम सदर को दिए गए हैं।- विशाख जी, जिलाधिकारी