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कानपुर : यूपी पुलिस की सबसे बड़ी बरामदगी, 1.25 करोड़ के नकली क्यूआर कोड और ढक्कन समेत तीन गिरफ्तार

कानपुर आउटर पुलिस एसटीएफ व आबकारी की टीम ने दिल्ली में छापा मारकर शराब की बोतलों के नकली ढक्कन और बार कोड बनाने वाली दो फैक्ट्रियां पकड़ीं और दो संचालकों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। 1.25 करोड़ से अधिक का माल और मशीनें बरामद की हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2022 12:47 PM (IST)
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कानपुर पुलिस और एसटीएफ को मिली सफलता।
कानपुर, जागरण संवाददाता। महाराजपुर थाना पुलिस ने देसी और अंग्रेजी कंपनियों के शराब की बोतलों के ढक्कन और बार कोड की खेप पकडऩे के बाद एसटीएफ और आबकारी की मदद से दिल्ली में छापेमारी करके करीब सवा करोड़ के नकली ढक्कन और बार कोड बरामद कर दो फैक्ट्रियां पकड़ी हैं। साथ ही दो फैक्ट्री संचालकों समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि यह अबतक प्रदेश की सबसे बड़ी बरामदगी है। उच्चाधिकारियों ने राजफाश करने वाली टीम को एक लाख का इनाम दिए जाने की घोषणा की है।

बीते 25 मार्च को महाराजपुर पुलिस ने सुजौली जाफरगंज फतेहपुर निवासी राजीव गुप्ता को देसी और अंग्रेजी शराब की बोतलों के 25 हजार ढक्कन और 50 हजार बार कोड के साथ गिरफ्तार किया था। राजीव से पूछताछ में दिल्ली के नांगलोई में ढक्कन और बार कोड बनाने की फैक्ट्रियां संचालित होने का इनपुट मिला था। सूचना को आउटर पुलिस के अधिकारियों ने एसटीएफ और आबकारी विभाग से साझा किया था। आइजी प्रशांत कुमार ने सोमवार को राजफाश करते हुए बताया कि आउटर, एसटीएफ व आबकारी की संयुक्त टीम को छापेमारी के लिए दिल्ली भेजा गया था।

सटीक इनपुट मिलने के बाद टीम ने 136 गली नंबर चार पंजाबी बस्ती घाटी रोड आनंद पर्वत दिल्ली निवासी वीरेंद्र कुमार राय, वीएच 74 ईस्ट शालीमार बाग दिल्ली निवासी मुकेश मित्तल और शास्त्री नगर दिल्ली निवासी अशोक कुमार चौहान को गिरफ्तार किया। पुलिस ने वीरेंद्र और मुकेश की फैक्ट्री से लाखों का माल और मशीनें बरामद की हैं। वहीं अशोक के यहां से माल तो ले आईं, लेकिन गली संकरी होने से मशीनें नहीं निकाली जा सकी हैं। पुलिस ने अशोक की फैक्ट्री सील की है। आइजी प्रशांत कुमार ने बताया कि बरामद माल और मशीनें 1.25 करोड़ की बताई जा रही हैं। गिरोह की जड़ें तलाशी जा रही हैं।

वीरेंद्र और मुकेश थे पार्टनर : एसपी आउटर अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि पकड़े गए आरोपित वीरेंद्र और मुकेश पार्टनर थे। पहले अशोक भी इन्हीं लोगों के साथ काम करता था। कुछ समय से उसने अपनी अलग फैक्ट्री लगा ली थी।

ये हुई बरामदगी : दोनों फैक्ट्री को मिलाकर 1.25 करोड़ के ब्रांडेड देसी (लाड्र्स गाजीपुर डिस्टलरी, उत्तराखंड आबकारी, एसबीपीआइएल एंव काल्स डिस्टलरी) और अंग्रेजी शराब का ढक्कन (ब्लंडर प्राइड, मैकडावल्स फर्स्ट च्वाइस, आरएस) के 10 लाख बार कोड, 40 बड़ी बोरी ढक्कन के अंदर लगने वाले वासर और 16 मशीनें बरामद हुई हैं।

दूसरे प्रदेशों में भी थी सप्लाई : एसपी आउटर ने बताया कि आरोपित कानपुर, हमीरपुर, गोरखपुर, वाराणसी, फतेहपुर के अलावा पुडुचेरी, बेंगलुरु, कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश में भी में ढक्कन और बार कोड की सप्लाई करते थे।

मिला तीन दिन का कस्टडी रिमांड : एसपी आउटर ने बताया कि आरोपितों को जेल भेजने के साथ ही कस्टडी रिमांड लेने के लिए न्यायालय में आवेदन किया गया था। आरोपितों के तीन दिन कस्टडी रिमांड की मंजूरी मिल गई है। आरोपितों को रिमांड पर लेने के बाद गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ करने के साथ और बरामदगी के प्रयास किए जाएंगे।

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