खुद को न समझें VIP, पहली मुलाकात में कानपुर पुलिस कमिश्नर ने मातहतों से कही ये बात
कानपुर में पुलिस कमिश्नर की ज्वाइनिंग के बाद दूसरे दिन दोनों अपर पुलिस आयुक्तों ने भी कार्य भार संभाल लिया है। दोनों अफसरों को जिम्मेदारियों का बंटवारा भी कर दिया गया है। शहर की पुलिसिंग व्यवस्था सुधार पर जोर होगा।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 28 Mar 2021 01:54 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद कानपुर नगर में नए अधिकारियों की तैनाती का सिलसिला शुरू हो गया। शुक्रवार को पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने कार्यभार संभाला था तो शनिवार को अपर पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि और डॉ. मनोज कुमार ने भी कार्यभार संभाल लिया। पुलिस आयुक्त ने दोनों अधिकारियों के कामकाज का बंटवारा भी कर दिया है। वहीं पुलिस कर्मियों से पहली मुलाकात में पुलिस कमिश्नर ने कहा कि खुद को वीआइपी न समझें और जनता को मित्र समझकर काम करें।
आकाश कुलहरि रह चुके कानपुर एसएसपीपुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया आकाश कुलहरि पूर्व में कानपुर के एसएसपी रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें कमिश्नरेट क्षेत्र की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि डॉ. मनोज कुमार मुख्यालय और अपराध की जिम्मेदारी संभालेंगे। पुलिस आयुक्त ने बताया कि फिलहाल डीआइजी आवास से अपना कार्यालय संचालित करेंगे। यह अस्थायी व्यवस्था तब तक के लिए है, जब तक कि नए कार्यालय की व्यवस्था नहीं हो जाती है। अधिकारियों के कार्यालयों की व्यवस्था के लिए अपर पुलिस आयुक्त डॉ. मनोज कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। माना जा रहा है कि पुलिस आयुक्त के लिए नए परिसर की तलाश की जाएगी। पुलिस आयुक्त ने बताया कि दोनों अपर पुलिस आयुक्त फिलहाल पुलिस कार्यालय में ही बैठेंगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुए मुखातिबपुलिस आयुक्त असीम अरुण ने एसीपी और थाना प्रभारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करके अपने विचार रखे और कमिश्नरेट प्रणाली के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनता से व्यवहार मधुर रखें, उन्हें अपनेपन का अहसास कराएं और वीआइपी की बजाए खुद को जनता का दोस्त समझें। ताकि लोगों को भी अपनी बात कहने में संकोच न हो। पुलिस आयुक्त ने अपने अनुभव भी साझा करते हुए नोएडा और लखनऊ की तर्ज पर कानपुर में भी उत्कृष्ट पुलिसिंग की मिसाल पेश करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि पुलिसिंग जनता का मित्र बनकर की जाए। साथ ही सदैव अनुशासन में रहने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि अब पुलिस को विभिन्न अधिनियमों और दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं में खुद ही कार्रवाई करनी होगी, लिहाजा कार्यों में पारदर्शिता लाएं। जल्द ही सभी को ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी। साथ ही जिन संसाधनों की कमी है, उन्हें भी जल्द पूरा कराया जाएगा। ताकि पुलिस को किसी तरह की परेशानी से न गुजरना पड़े। यही नहीं उन्होंने अधीनस्थों से विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में भी पूछा। साथ ही महिला अपराधों के मामलों में संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने के लिए कहा। इस दौरान जिले के सभी एडीसीपी, एसीपी और थाना प्रभारी भी जुड़े थे।
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