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Kanpur Pollution News : सांसो के जरिए अंदर जा रहा जहर, AQI बढ़ने से शहर की हवा होती जा रही जहरीली

Kanpur Pollution News कानपुर में जगह-जगह जाम उड़ती धूल जलते कूड़े और जहर उगलती हुई टेनरियों की चिमनी इस बात की गवाही दे रही है कि शहर की वायु जहरीली होती जा रही है लेकिन प्रशासन अपने आंकड़ो में शहर की हवा साफ बता रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek AgnihotriUpdated: Wed, 16 Nov 2022 08:30 AM (IST)
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Kanpur Pollution News : कानपुर का प्रदूषण स्तर बढ़ा।
कानपुर, जागरण संवाददाता। ये आंकड़ेबाजी का चमत्कार ही तो है कि शहर की व्यवस्था में कोई खास बदलाव नहीं हुआ लेकिन प्रदूषण के आंकड़े गंभीर और खतरनाक स्थिति से निकलकर सामान्य की ओर चल पड़े। सड़कों पर जगह-जगह लग रहा जाम और उधड़ी सड़कों पर उड़ती धूल इस झूठ की चुगली करते रहे, सांसों के साथ धूल के महीन कण शरीर में जाते रहे। जुबान पर किरकिराहट और आंखों में जलन का अहसास होता रहा लेकिन आंकड़ों में सब सामान्य होता दिख रहा था। शहर में प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर महज खिलवाड़ ही हो रहा है।

सोमवार को शहर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 होकर लाल यानी गंभीर हो गया था। कमोबेश यही आंकड़े नेहरू नगर, कल्याणपुर और किदवई नगर निगरानी केंद्र में भी थे। मंगलवार सुबह से औसत AQI 180 (माडरेट) के आसपास ही रहा। तीनों निगरानी केंद्रों में प्रदूषण का स्तर गंभीर नहीं रहा। स्थिति यह थी कि अफीमकोठी चौराहे के पास इतना जबरदस्त जाम लगा था कि घंटों वाहन रेंगते रहे। धुआं उगलते और धूल उड़ाते रहे। घंटाघर चौराहे पर भी यातायात फंसा रहा लेकिन शहर का औसत एक्यूआइ बिल्कुल सामान्य था। दोपहिया वाहन से चलने वाले लोगों को मुंह में धूल जाने का अहसास होता रहा लेकिन आंकड़े धोखा देते रहे। 

हवा की रफ्तार के बिना नहीं कम हो सकता प्रदूषण

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सेवानिवृत्त एक अधिकारी ने कहा कि प्रदूषण छंटने में हवा की अहम भूमिका होती है। अगर हवा नहीं चलती है तो धूल के महीन कण, कार्बन, नाइट्रोजन आक्साइड शून्य से 10 मीटर की ऊंचाई तक ही रहेंगी और लोगों को नुकसान पहुंचाती रहती हैं। मंगलवार को हवा की रफ्तार 0.9 किमी थी लेकिन प्रदूषण का स्तर सामान्य की ओर दिखने से सवाल खड़े हो रहे हैं। 

आइआइटी निगरानी केंद्र ने सीपीसीबी से नाता तोड़ा

पूर्व में आइआइटी का निगरानी केंद्र केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आंकड़े उपलब्ध कराता था लेकिन दो माह से उसने नाता तोड़ लिया। अब बोर्ड कल्याणपुर निगरानी केंद्र के सहारे ही काम चला रहा है।

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