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Kanpur Accident: 'बिटिया को बचा नहीं पाए भइया', स्कूली वैन हादसे ने सूना कर दिया घर का आंगन

अरौल में आठ फरवरी को हुए स्कूली वैन हादसे में घायल आंकिन गांव निवासी छात्रा निष्ठा की भी मौत से स्वजन बेहाल हैं। ताऊ राघवेन्द्र ने बताया कि कक्षा दो में पढ़ने वाली निष्ठा परिवार के साथ ही पूरे गांव की दुलारी थी। राघवेन्द्र रिश्तेदारों से लिपटकर रोते हुए बोले- भइया जान लगा दी फिर भी बिटिया को हम बचा नहीं पाए

By atul mishra Edited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 13 Feb 2024 01:17 PM (IST)
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'बिटिया को बचा नहीं पाए भइया', स्कूली वैन हादसे ने सूना कर दिया घर का आंगन
जागरण संवाददाता, कानपुर। अरौल में आठ फरवरी को हुए स्कूली वैन हादसे में घायल आंकिन गांव निवासी छात्रा निष्ठा की भी मौत से स्वजन बेहाल हैं। ताऊ राघवेन्द्र ने बताया कि कक्षा दो में पढ़ने वाली निष्ठा परिवार के साथ ही पूरे गांव की दुलारी थी। परिवार में उसका पांच वर्षीय छोटा भाई शिवम और मां दिशा हैं।

राघवेन्द्र रिश्तेदारों से लिपटकर रोते हुए बोले- भइया जान लगा दी, फिर भी बिटिया को हम बचा नहीं पाए, हमारा आंगन सूना हो गया। निष्ठा की मौत की खबर सुन अस्पताल में ही भर्ती छात्र सूर्यांश के पिता रजनीश त्रिपाठी और छात्रा अनिका के बाबा उमेश कटियार भी स्वजन को सांत्वना देने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं, सभी बच्चे एक साथ खेलते थे।

फूल सी बच्ची का पोस्टमार्टम करने में हाथ कांपे

आठ वर्षीय मासूम निष्ठा के पोस्टमार्टम के लिए अरौल पुलिस ने पंचायतनामे की कार्रवाई की, जिसके बाद देर शाम उसका पोस्टमार्टम कराया गया। फूल सी बच्ची का पोस्टमार्टम करने में हाथ कांप गए।

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