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राजौरी आतंकी हमले में कानपुर का लाल हुआ बलिदान, गांव में पसरा मातम; 2013 में सेना में हुआ था शामिल

जम्मू -कश्मीर के राजौरी पुंछ सेक्टर में गुरुवार को घने जंगलों के बीच गुजर रहे सेना के वाहनों पर हुए आतंकी हमले में बलिदान हुए पांच जवानों में से एक चौबेपुर (कानपुर) का भी जांबाज लाल था। नायक चालक करन कुमार यादव चौबेपुर के भाऊपुर गांव का निवासी था। देर रात अधिकारियों से जानकारी मिलने के बाद घरवालों में कोहराम मच गया।

By Jagran News Edited By: riya.pandey Updated: Fri, 22 Dec 2023 10:46 AM (IST)
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राजौरी आतंकी हमले में कानपुर का लाल हुआ बलिदान

संवाद सहयोगी, चौबेपुर। जम्मू -कश्मीर के राजौरी पुंछ सेक्टर में गुरुवार को घने जंगलों के बीच गुजर रहे सेना के वाहनों पर हुए आतंकी हमले में बलिदान हुए पांच जवानों में से एक चौबेपुर (कानपुर) का भी जांबाज लाल था। नायक चालक करन कुमार यादव चौबेपुर के भाऊपुर गांव का निवासी था। देर रात अधिकारियों से जानकारी मिलने के बाद घरवालों में कोहराम मच गया ,सुबह से ही गांव में मातम बना हुआ है।

चौबेपुर के भाऊपुर गांव निवासी  किसान बालक राम यादव का बेटा करन कुमार दो भाई व तीन बहनों में मझिला था परिवार में बहन साधना व आराधना की शादी हो चुकी है जबकि बहन सोमवती तथा छोटा भाई अर्जुन अविवाहित है। करन वर्ष 2013 में सेना में भर्ती हुआ था, इन दोनों उसकी तैनाती जम्मू कश्मीर के राजौरी क्षेत्र में थी।

सैन्य जानकारी के अनुसार,  सेना की आरआर बटालियन द्वारा टोपा पीर क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों होने के चलते तलाशी अभियान शुरू किया गया था इसी दौरान गुरुवार दोपहर  जिप्सी से सवार होकर बफलियाज मार्ग से गुजरने के दौरान आतंकियों ने हमला कर दिया। हमले में पांच जवान मौके पर ही बलिदान हो गए, जिसमें नायक चालक करन कुमार चौबेपुर का निवासी था।

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पिता बालक राम ने बताया कि करन की पत्नी अंजू बच्चों के साथ रामादेवी में रह रही है। करन की 6 वर्षीय बेटी आर्या व दो वर्ष का बेटा आर्यन है। इधर सूचना मिलने के बाद घर में कोहराम मचा हुआ था, मां सरस्वती और पत्नी बेसुध थी। वही गांव में मातम का माहौल छाया हुआ था।

बेटे की शहादत पर गर्व

पिता बालक राम ने बताया कि उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है। करन उनका बड़ा बेटा था, हमले में बलिदान होकर उसने देश ही नहीं कानपुर और चौबेपुर का भी नाम रोशन किया है। गांव के  प्रधान प्रदीप यादव ने बताया कि करन बेहद मिलनसार था और लोगों का चहेता था वह जब गांव आता था तो सभी से आकर मिलता भी था।

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