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कानपुर में उपचुनाव से पहले गरमाई राजनीति: नसीम सोलंकी ने जिस मंदिर में चढ़ाया था जल, पुजारियों ने किया शुद्धिकरण

कानपुर में उपचुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ गया है। सपा प्रत्याशी और इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम ने दीवाली के दिन जिस मंदिर में जल चढ़ाया था आज उस मंदिर को पुजारियों ने हरिद्वार से गंगाजल मंगाकर शुद्ध किया। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी ने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया है।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Sat, 02 Nov 2024 01:52 PM (IST)
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कानपुर में नसीम सोलंकी के मंदिर जाने पर बवाल
जागरण संवाददाता, कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में उपचुनाव की सरगर्मियों ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है, गुरुवार को जिस मंदिर में सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक इफरान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी दीप जलाने और भगवान शंकर का जलाभिषेक करने गई थीं।

शनिवार को उसी मंदिर का शुद्धिकरण किया गया। शनिवार को मंदिर के पुजारियों ने हरिद्वार से 1000 लीटर गंगाजल मंगाकर पूरे मंदिर और शिवलिंग को धोया। पुजारियों के इस कृत्य को समाजवादी पार्टी ने बीजेपी की साजिश करार दिया है।

सीसामाउ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने गुरुवार की देर रात बैंड खंडेश्वर महादेव मंदिर मे भगवान शंकर का जलाभिषेक कर दीप जलाया था। दीपावली पर विकास का दीपक जलाने की अरदास लेकर वह गुरुद्वारा भी पहुंची और रोशनी की थी।

सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के पति व पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के जेल में बंद होने की वजह से कराया जा रहा है। इस सीट पर सोलंकी परिवार का पिछले 22 साल से कब्जा बना हुआ है।

नसीम सोलंकी गुरुवार की रात बनखंडेश्वर शिव मंदिर मे पूजा करने के लिए पहुंची । उन्होंने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया और पुष्पार्चन भी किया इसके बाद मंदिर परिसर में जगह-जगह दीप जलाकर रोशनी की और कहा कि वह विकास का दीपक जलाने के लिए आई हैं।

उन्होंने कहा कि इस मंदिर के सौंदर्यीकरण में इरफान सोलंकी ने अपनी विधायक निधि से 50 लाख रुपये खर्च किए हैं। सोलंकी परिवार ने कभी विकास कार्यों में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया है। इसके बाद वह क्षेत्र में स्थित गुरुद्वारा भी पहुंची और वहां भी दीपक जलाकर रोशनी की।

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने पटका पहनकर उनका सम्मान किया था। नसीम सोलंकी के दलितों के घर जाकर दीपावली मनाने उन्हें मिठाई का उपहार देने और मंदिर व गुरुद्वारे में जाकर माथा टेकने को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा था। सपाइयों का मानना है कि इससे वह भाजपा की हिंदू मुस्लिम भेदभाव की राजनीति को कमजोर कर सकेंगे।

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