कानपुर में लगातार हो रही ट्रेन पलटाने की साजिश, 38 दिन... तीन रूट और तीन षड्यंत्रों ने खुफिया एजेंसियों की दी चुनौती
कानपुर में लगातार ट्रेनों को बेपटरी करने के षड्यंत्र से खुफिया एजेंसियों की चुनौती बढ़ गई है। 38 दिनों के अंदर यह तीसरी घटना है। हर बार घटनास्थल के लिए अलग रूट चुना गया है। लगातार हो रहे षड्यंत्रों से खुफिया एजेंसी पुलिस व एलआयू की पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। कानपुर में पहली घटना 16 अगस्त को हुई।
जागरण संवाददाता, कानपुर। लगातार ट्रेनों को बेपटरी करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। 38 दिनों के अंदर यह तीसरी घटना है। हर बार घटनास्थल के लिए अलग रूट चुना गया। पुलिस के साथ ही यह जांच एजेंसियों के लिए खुली चुनौती है। इतने कम अंतराल पर हुई घटनाएं बताती हैं कि षड्यंत्रकर्ता इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि पुलिस के हाथ उन तक नहीं पहुंच सकते हैं।
बीते दिनों पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने भी माना था कि यह चुनौती है और इस पर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है।
कानपुर में पहली घटना 16 अगस्त को हुई। झांसी रूट पर पनकी औद्योगिक क्षेत्र में साबरमती एक्सप्रेस बेपटरी हो गई। इसके बाद दूसरी घटना के लिए कासगंज रूट को चुना गया। इस पर निशाना कालिंदी एक्सप्रेस थी। जांच एजेंसियों ने भी माना कि यह घटना जिस तरह से रची गई, वह दिल दहलाने वाली हो सकती थी। अब रविवार को तीसरी घटना के लिए दिल्ली हावड़ा रूट पर सरसौल से आगे प्रेमपुर रेलवे स्टेशन को चुना गया।
पूर्व में हुई घटनाएं
झांसी रूट पर 16 अगस्त 2024 को पनकी औद्योगिक क्षेत्र में साबरमती एक्सप्रेस रात 2.35 बजे पटरी के टुकड़े से टकराई थी। घटना के बाद रेल ट्रैक उखड़ गया था और ट्रेन के इंजन समेत 21 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस मामले में आइबी, पुलिस, एटीएस और रेलवे की उच्चस्तरीय एसएजी टीम ने जांच की थी।एसएजी की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है, जबकि पुलिस की जांच का पूरा दारोमदार फोरेंसिक जांच रिपोर्ट पर टिका है। पटरी के टुकड़े और इंजन के कैटल गार्ड की फोरेंसिक रिपोर्ट के लिए अब पुलिस फिर नमूनों को चंडीगढ़, पुणे, हैदराबाद या फिर दिल्ली भेजने की तैयारी कर रही है। फिलहाल इस मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं।
कासगंज रूट पर आठ सितंबर 2024 को बर्राजपुर से आगे कालिंदी एक्सप्रेस भरे गैस सिलिंडर से टकरा गई थी। ट्रैक पर सुतली लगी बोतल में पेट्रोल, बारूद जैसा पाउडर और माचिस बरामद हुई थी। रेल ट्रैक पर मिली वस्तुओं को एक साथ जोड़कर देखें, तो इस बार षड्यंत्र योजना के साथ रचा गया था। पुलिस के साथ ही एनआइए ने भी माना है कि ट्रेन चालक ने सूझबूझ न दिखाई होती, तो बड़ी दुर्घटना हो जाती।
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में एनआइए षड्यंत्र की कड़ियां जोड़ रही है और संदिग्धों से दो कदम दूर है। ठीक इसके विपरीत पुलिस के पास कुछ खास नहीं है। पुलिस ने जिन लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था, सभी को छोड़ दिया है। अब सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। बहरहाल पुलिस खाली हाथ है।इसे भी पढ़ें: कानपुर में हादसे का शिकार होने से बची जम्मू मेल, क्या रही वजह? वंदे भारत समेत कई ट्रेनें रोकी गईं
इसे भी पढ़ें: कानपुर में फिर ट्रेन पलटाने की साजिश, ट्रैक पर रखा सिलेंडर; मौके पर LIU और रेलवे की टीम मौजूद
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।