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Kanpur Violence : नई सड़क मामले में आरोपित हयाज जफर की पैरवी में पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वकील... पढ़ें पूरी खबर

Kanpur Violence बीती 3 जून को कानपुर की नई सड़क हिंसा मामले में गुरुवार को आरोपी हयात जफर की पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील पहुंचे। यहां वकील महमूद प्राचा ने अदालत से केस डायरी के सभी दस्तावेजों की मांग की।

By Nitesh MishraEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2022 09:20 PM (IST)
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Kanpur Violence कानपुर में हयाज जफर हाशमी की पैरवी में पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वकील।

कानपुर जागरण संवाददाता। Kanpur Violence भाजपा से निष्कासित पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणी के विरोध में नई सड़क पर उपद्रव कराने के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी की पैरवी को कोर्ट पहुंचे। जहां उन्होंने दस्तावेजों की नकल दिलाए जाने की मांग की। साथ ही कोर्ट से मामले की निगरानी करने की अपील की। हालांकि निगरानी अपील के प्रार्थना पत्र पर कोई बल नहीं दिया। 

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महमूद प्राचा हयात जफर हाशमी की रिमांड तारीख पर गुरुवार को महानगर मजिस्ट्रेट षष्ठम की कोर्ट पहुंचे। यहां उन्होंने दो प्रार्थना पत्र दिए। पहले प्रार्थना पत्र में कोर्ट से दस्तावेजों की सत्यापित प्रति दिलाने की मांग की जबकि दूसरे प्रार्थना पत्र में कोर्ट से निगरानी की अपील की।

मामले में वकील मो. सलीम के मुताबिक कोर्ट ने पहले प्रार्थना पत्र को नियमित कोर्ट में रखने के निर्देश दिए जबकि दूसरे प्रार्थना पर कहा मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है ऐसे में इस स्तर पर निगरानी संभव नहीं है। उसके बाद इस प्रार्थना पत्र को स्वयं नाट प्रेस (बल न देना) कर दिया। वहीं इससे पहले प्रेस कान्फ्रेंस की सूचना पर होटल पहुंची मीडिया पर महमूद प्राचा ने जमकर भड़ास निकाली, उसके लिए अमर्यादित टिप्पणियां भी कीं।

यह था मामला 

नई सड़क पर तीन जून को विरोध प्रदर्शन के नाम पर उपद्रव हुआ था। हिंसक भीड़ ने हिन्दू बहुल चंद्रेश्वर हाते पर हमला बोलकर पथराव किया था। उपद्रव में हयात जफर हाशमी के संगठन एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन की मुख्य भूमिका पायी गई थी उसके बाद हयात और उसके चार साथियों की गिरफ्तारी की गई थी। हयात पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) भी लगाया गया है। इस मामले में बिल्डर हाजी वसी, मुख्तार अहमद उर्फ बाबा, डीटू गैंग का अकील खिचड़ी समेत 60 से ज्यादा लोगों को आरोपित किया गया था। 

पुलिस ने रखी निगाह, नहीं की प्रेस कान्फ्रेंस

डीसीपी पूर्वी रवींद्र कुमार ने बताया कि हयात जफर हाशमी के वकील महमूद प्राचा के आने की कोई जानकारी नहीं थी। इंटरनेट मीडिया और खुफिया यूनिट से उनके द्वारा होटल में प्रेस कांफ्रेंस की जानकारी मिली तो एहतियात के तौर पर पुलिस वहां तैनात की गई थी, ताकि उनके द्वारा बयानों और अन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।

होटल प्रबंधन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अधिवक्ता द्वारा दो कमरे बुक कराए गए हैं। पत्रकार वार्ता करने के लिए कोई जानकारी नहीं दी गई है और न कोई इंतजाम किया गया है। अधिवक्ता को पत्रकार वार्ता से नहीं रोका गया। वह कोर्ट के काम से आए थे और अपना काम किया। 

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