शासन से अनुमति मिलने के बाद तीन दिन के अंदर कर सकेंगे वन्य जीवों का दीदार
चिडिय़ाघर प्रशासन ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का ब्योरा जिला प्रशासन को दिया सैनिटाइजेशन और वन्य जीवों के बाड़ों की सफाई के लिए तीन दिन का समय मांगा जाएगा जीवों के बाड़े की साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का काम पूरा सरकारी आदेश के बाद खुलेगा चिडिय़ाघर
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Mon, 21 Sep 2020 10:44 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। सात महीने से बंद पड़े कानपुर प्राणि उद्यान को कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ खोले जाने की तैयारी है। चिडिय़ाघर प्रशासन ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का ब्योरा जिला प्रशासन को भेज दिया है। जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के तीन दिन के बाद चिडिय़ाघर खोल दिया जाएगा।
वन्य जीवों के बाड़े की साफ-सफाई करने और सैनिटाइजेशन के साथ हरी चिडिय़ाघर प्रशासन की तैयारी पूरी हो चुकी हैं। सहायक निदेशक अरविंद सिंह ने बताया कि दर्शकों की सुरक्षा के लिए टनल, सैनिटाइजेशन व सफाई के अन्य इंतजाम करने के लिए खाका खींचा जा चुका है। सुरक्षा के क्या इंतजाम रहेंगे व दर्शकों की संख्या एवं दूरियों के प्रबंधन का स्वरूप क्या होगा यह सभी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के जरिए जिला प्रशासन को बताया गया है। दर्शकों की मांग को देखते हुए चिडिय़ाघर प्रशासन सात महीने बाद जू खोलने के लिए बेहद उत्साहित है। उन्होंने बताया कि लखनऊ का चिडिय़ाघर मई में खुल चुका है। जिला प्रशासन से अनुमति मिलते ही कानपुर का चिडिय़ाघर भी दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा।
मास्क न लगाने पर अर्थदंड, न लाने पर वहीं मिलेगा
चिडिय़ाघर खोलने के इंतजाम करने के साथ चिडिय़ाघर प्रशासन ने नियम बना लिए हैं। मास्क न लगाने वाले दर्शकों पर अर्थदंड लगाया जाएगा। जो दर्शक किसी कारणवश मास्क पहनकर नहीं आ पाए हैं वह चिडिय़ाघर के बाहर मास्क खरीद सकेंगे। मास्क उतारने पर जुर्माना लगने की प्रबल संभावनाएं हैं।सात माह से नहीं प्राप्त हुई आय
मांसाहारी व शाकाहारी मिलाकर चिडिय़ाघर में 1487 वन्य जीव हैं। पिछले वर्ष तक तीन करोड़ 10 लाख रुपये का रेवेन्यू टिकट, खानपान स्टॉल व साइकिल स्टैंड के ठेके से मिलता था जबकि दो करोड़ 35 लाख रूपये शासन व एक करोड़ रुपये की सहायता राशि अन्य स्रोतों से प्राप्त हुई थी। इस वर्ष सात माह से किसी भी प्रकार की आय प्राप्त नहीं हुई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।