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Sawan 2021: कानपुर का खेरेश्वर मंदिर, जहां रोजाना प्रथम पूजन करते हैं अजर अमर अश्वस्थामा

सावन के महीने में शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लग रहा है इन्हीं में शिवराजपुर स्थित खेरेश्वर मंदिर में दूरस्थ स्थानों से लोग दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। इस मंदिर में रोजाना सुबह पट खुलने पर शिवलिंग पर विशेष फूल चढ़ा हुआ और पूजन हुआ मिलता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 01 Aug 2021 10:56 AM (IST)
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सावन में माह में दर्शन के लिए भक्तों का मेला लगता है।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। सावन का महीना शिव की भक्ति वाला होता है, इस पूरे माह में पूजन व अराधना करने वालों को मन वांछित फल की प्राप्ति होती है। शहर व आसपास के क्षेत्रों में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं, जहां सावन माह में पूजन के लिए भक्तों का तांता लगता है। इन्हीं में सबसे प्रसिद्ध और भक्ति का मुख्य केंद्र खेरेश्वर मंदिर है। इस पौराणिक मंदिर में शिवलिंग के दर्शन से लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यहां पास में गंगा नदी किनारे सरैया घाट है जिस पर स्नान करके लोग गंगाजल शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। कानपुर, उन्नाव, कानपुर देहात, कन्नौज समेत कई दूर गामी जिलों से भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

जानिए- क्या है इतिहास

शिवराजपुर से गंगा की ओर ढाई किलोमीटर दूर स्थित खेरेश्वर मंदिर करीब सात सौ वर्ष प्रचीन है। मान्यता है कि यहां स्थापित शिवलिंग के दर्शन के लिए अजर अमर अश्वस्थामा नित्य प्रात: काल प्रथम पूजन करते हैं। आज भी सुबह मंदिर के कपाट खुलने पर विशेष पुष्प व जल चढ़ा हुआ मिलता है। कहा जाता है कि प्रचीन काल में चरवाहों की गायों का दूध इस स्थान पर आने पर स्वयं निकलने लगता था। जिस पर ग्रामीणों द्वारा खुदाई करने पर शिवलिंग निकला। यह स्थान छतरपुर गांव के खेरे पर स्थित होने के कारण खेरेश्वर कहा गया।

सावन में मुख्य तैयारी

श्रावण मास में श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे के कारण मंदिर प्रबंध कमेटी के साथ ही पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। दर्शनार्थियों की कतार की व्यवस्था के अलावा कमेटी के लोग भक्तों की समस्याओं को भी ध्यान में रखते हैं। मंदिर में भक्त नियमित समय पर जलाभिषेक कर सकते हंै। महाआरती व शंृगार के दिन सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। पुलिस ने यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।

-खेरेश्वर महादेव के दर्शन से बाधाएं दूर होती हैं। श्रावण मास में दुग्ध अभिषेक का विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजन व दर्शन प्रति दिन कराए जा रहे हैैं। प्रत्येक सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। -कमलेश गिरि, कल्लू बाबा पुजारी

-खेरेश्वर मंदिर का पौराणिक महत्व है। यहां आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर के बाहर फल-फूल व पूजन सामग्री मिल जाती हैं, जिससे भक्त विधिवत पूजन कर पाते हंै। गंगा स्नान के बाद जल चढ़ाने का विशेष महत्व माना जाता है। -वीरेंद्र पुरी, पुजारी

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