कानपुर में दबोचा गया हत्यारा सांड, पकड़ने के दौरान भी एक महिला को कर दिया गया घायल; शहर के लोग फिर भी चिंतित
बर्रा विश्वबैंक ई ब्लाक निवासी राकेश मिश्रा का 16 वर्षीय बेटा राज रविवार शाम साइकिल से बाजार से सब्जी लेकर घर लौट रहा था। तभी घर के पास चौराहे पर दो सांड़ लड़ रहे थे। एक सांड़ भागा जिससे राज बच गया लेकिन जब तक वह साइकिल मोड़ पाता बगल से दूसरा सांड़ उस पर हमला करते हुए निकल गया जिससे उसकी मौत हो गई थी।
पकड़ने के बाद भी हजारों सांड़ और गोवंशी घूम रहे सड़कों पर
शहर की सड़कों पर घूम रहे सांड़ और गोवंशी को अधिकारी लगातार अभियान चलाकर पकड़ने का दावा कर रहे हैं लेकिन उसके बाद भी सड़कों पर सांड़ व गोवंशियों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। हालात ये हैं कि लोगों का सड़कों पर निकलना भी मुश्किल हो गया है। वाहन सवारों को यह तक नहीं पता कि कब सांड़ व गोवंशी उन पर हमला कर दें। लगातार हो रही घटनाओं के भी जिम्मेदारों के पास सिर्फ एक ही जवाब है कि उन्हें पकड़ा जा रहा है लेकिन शहर से सटे अविकसित क्षेत्रों से आ रहे इन गोवंशियों और सांड़ की संख्या का अंदाजा न तो नगर निगम और न ही पशु विकास विभाग लगा पा रहा है। लोगों में विभाग के खिलाफ नाराजगी है।एक नवंबर से विशेष अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों में 2638 और शहरी क्षेत्र से 1607 गोवंशियों को पकड़ कर गोशालाओं में पहुंचाया गया है। बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए दस्ते लगातार भ्रमण कर रहे हैं। गोशालाओं में 30 हजार से अधिक गोवंशियों का संरक्षण किया जा रहा है। -डा. आइडीएन चतुर्वेदी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पशु विकास विभाग
नगर निगम का कैटल कैचिंग दस्ता लगातार अभियान चला सांड़ को पकड़ रहा है। पनकी स्थित नंदी गोशाला में दो हजार सांड़ हैं। वहीं जाजमऊ के जाना गांव में बने गोशाला में 500 सांड़ हैं। एक माह में 1200 सांड़ पकड़कर गोशाला भेजे हैं। -डा. आरके निरंजन, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, नगर निगम