Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

बुंदेलखंड में किसानों के लिए आंदोलन कर अलग पहचान बना आगे बढ़े चंद्रिका Kanpur News

सीडीओ से सेवानिवृत्ति के बाद पीडीएस अफसर व जोशी के पीएस रहे चंद्रिका प्रसाद को राज्यमंत्री बनाया गया है।

By AbhishekEdited By: Updated: Wed, 21 Aug 2019 03:10 PM (IST)
Hero Image
बुंदेलखंड में किसानों के लिए आंदोलन कर अलग पहचान बना आगे बढ़े चंद्रिका Kanpur News

चित्रकूट, [शिवा अवस्थी]। कन्नौज से मुख्य विकास अधिकारी पद से सेवानिवृत्ति के बाद बुंदेलखंड को अपना कर्म क्षेत्र बनाकर सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाले चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय किसानों के लिए आंदोलन करके आगे बढ़ते हुए अपनी अलग पहचान बनाई। प्रादेशिक विकास सेवा (पीडीएस) अफसर और भाजपा के पुरोधा डॉ मुरली मनोहर जोशी के पीएस रहकर काम किया। सादा जीवन और किसानों के लिए संघर्ष करने के जज़्बे ने आज उन्हें राज्यमंत्री के पद तक पहुंचाया है।

वर्ष 2017 में बने विधायक, लगातार किया संघर्ष

चित्रकूट सदर सीट के रसिन गांव के मूल निवासी चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय स्नातक हैं और 1998 से 2004 तक मानव संसाधन मंत्री रहे डॉ मुरली मनोहर जोशी के पीएस रहे। कन्नौज में सीडीओ पद से 2010 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद उन्होंने राजनीति पारी शुरू की। अप्रैल 2010 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेकर संगठन को जिला स्तर पर मजबूती देने में जुट गए। तत्कालीन बसपा शासनकाल में राजापुर, कर्वी ब्लॉक के किसानों को पानी, सिचाई, सड़क और बिजली को लेकर पदयात्राएं निकालीं। धरना प्रदर्शन करके शासन तक किसानों की आवाज पहुंचाई। वर्ष 2012 में पार्टी ने टिकट दिया लेकिन चुनाव हार गए। इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति में सदस्य और बुंदेलखंड क्षेत्रीय समिति में उपाध्यक्ष बनाया गया।

संगठन में मजबूत पकड़, विधायक संग बने जिलाध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी संगठन में सक्रिय छवि के साथ जमीन स्तर पर काम करने वाले चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय जनता के बीच रहे। सरल स्वभाव के चलते पार्टी के लिए पूरी तरह समर्पित रहते हैं। शायद यही वजह है कि वर्ष 2017 में विधायक चुने जाने के बाद भी संगठन ने उन्हें जिलाध्यक्ष की भी सौंप रखी है। उन्हें विधानमंडल दल का सचेतक भी बनाया है।

चिल्लीमल पंप कैनाल में टेल तक पहुंचाया पानी

विधायक रहते हुए चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने अपने संघर्षों से वर्ष 2018 में राजापुर की चिल्लीमल पंप कैनाल से निकली नहरों का पानी टेल तक पहुंचवाने को सिंचाई विभाग को मजबूर कर दिया। खुद रात तक धरने पर बैठने के साथ सामने नहर खुदवाई तब कहीं टेल तक पानी पहुंचा। विकास का रोडमैप तैयार कराने में अपने अनुभव से मदद ली और राजापुर में यमुना के पानी को मानिकपुर तहसील के पाठा क्षेत्र तक पहुंचाने का प्रस्ताव शासन को भिजवाने में मददगार बने।

परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री

चंद्रिका प्रसाद का परिवार भी ज्यादा बड़ा हैं। उनकी पत्नी, दो बेटे और एक पुत्री है। उनकी पत्नी देविका उपाध्याय गृहणी हैं। वहीं एक बेटा प्रशांत उपाध्याय डिप्टी जेलर तो दूसरा बेटा निशांत उपाध्याय कोषाधिकारी है। वहीं बेटी मीनाक्षी असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।