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Kanpur Kidnapping Case: निलंबित इंस्पेक्टर के बिगड़े बोल-खुद पुलिस में भर्ती हो जाओ और ढूंढ लेना बहन को

चकेरी के पटेलनगर में बीते साल छह अगस्त को लापता युवती की बहन से तत्कालीन चकेरी एसओ रणजीत राय ने कहा था और भी बहुत काम हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 26 Jul 2020 04:00 PM (IST)
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Kanpur Kidnapping Case: निलंबित इंस्पेक्टर के बिगड़े बोल-खुद पुलिस में भर्ती हो जाओ और ढूंढ लेना बहन को

कानपुर, [आशीष पांडेय]। निलंबित इंस्पेक्टर रणजीत राय के बिगड़े बोल कोई नई बात नहीं है, यह तो उनकी पुरानी आदम में शामिल थे। संजीत मामले में भी उन पर गंभीर आरोप लगे हैं। इससे पहले चकेरी के पटेल नगर निवासी बुजुर्ग दंपती उनकी ऐसी ही लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं। 11 माह पहले जब रणजीत राय चकेरी के थाना प्रभारी थे तो उनके ही कार्यकाल में बुजुर्ग दंपती की बेटी लापता हुई थी। आज तक उसका पता नहीं चल सका। रणजीत राय ने इस परिवार से भी वैसा ही सलूक किया था, जैसा आरोप संजीत के स्वजन लगा रहे हैं। लापता युवती की बहन ने जब मिन्नतें की तो रणजीत राय ने कह दिया था कि पुलिस को और भी बहुत काम हैं, खुद पुलिस में भर्ती हो जाओ और फिर बहन को ढूंढ लेना। छह अगस्त को लापता हुई थी बेटी

पटेल नगर चकेरी निवासी बिल्डिंग मैटीरियल कारोबारी भगवानदास वाधवानी ने बताया कि उनकी तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी मनीषा शादीशुदा है, मंझली निशी है और छोटी आंचल दिल्ली में रहकर नौकरी करती है। बीते छह अगस्त को वह पत्नी के साथ शिवाला गए थे। शाम को मंदिर से लौटे तो ताला बंद मिला और बेटी निशी गायब थी। अगले दिन रिपोर्ट दर्ज कराने चकेरी थाने गए। सुबह से शाम तक बिठाने के बाद प्रार्थना पत्र लेकर इंस्पेक्टर रणजीत राय ने टाल दिया। सात दिन बीतने पर फिर थाने पहुंचे तो इंस्पेक्टर ऐसे पेश आए जैसे वह कोई अपराधी हों। 15 अगस्त को गुमशुदगी दर्ज हुई पर पुलिस ने कुछ भी नहीं किया।

सुबह से शाम तक थाने में बिठाया गया

दबाव डालना शुरू किया तो उन्हें सुबह से लेकर शाम तक थाने में बिठाए रखने का क्रम शुरू हो गया। आला अधिकारियों के आदेश पर चार माह बाद नौ दिसंबर 2019 को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर खानापूर्ति कर दी, लेकिन बेटी अब तक लापता है। बड़ी बहन की गुमशुदगी को लेकर आंचल भी कई बार अपने पिता के साथ इंस्पेक्टर से मिली। जब वह बहन का पता लगाने के लिए गिड़गिड़ाई तो इंस्पेक्टर तमतमाते हुए बोले की वरीयता के आधार पर सर्विलांस पर नंबर लगता है। बहन को खोजना है तो पहले पुलिस में भर्ती हो और वर्दी पहनकर खुद बहन को ढूंढो तब पता चलेगा।

रणजीत को भेजा जाए जेल

निशी के स्वजनों का आरोप है कि बेटी आज उनके पास नहीं है तो इसके लिए रणजीत राय ही जिम्मेदर हैं। अगर वह तुरंत कार्रवाई करते तो शायद बेटी उनके पास होती। ऐसे पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उनकी सही जगह जेल है।

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