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…तो कभी नहीं मिलती कुशाग्र की डेड बॉडी, लाश के टुकड़े कर गंगा में बहाता, फिर रचिता के साथ कहीं चला जाता प्रभात

Kushagra Hatyakand - कुशाग्र कनोडिया की हत्या के मामले में जेल में बंद तीनों हत्यारोपी 72 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड पर रविवार की सुबह जेल से बाहर आ गए। प्रारंभिक पूछताछ में ही पुलिस को ऐसी जानकारियां मिली हैं जिसके बाद साफ हो गया है कि फिरौती के लिए कुशाग्र का अपहरण हुआ और जान पहचान होने की वजह से उसकी हत्या कर दी गई।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Mon, 06 Nov 2023 06:57 PM (IST)
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कुशाग्र हत्याकांड में जेल से आरोपित प्रभात शुक्ला को रिमांड पर ले जाती पुलिस। जागरण

जागरण संवाददाता, कानपुर। कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के बेटे कुशाग्र कनोडिया की हत्या के मामले में जेल में बंद तीनों हत्यारोपी 72 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड पर रविवार की सुबह जेल से बाहर आ गए। 

प्रारंभिक पूछताछ में ही पुलिस को ऐसी जानकारियां मिली हैं, जिसके बाद साफ हो गया है कि फिरौती के लिए कुशाग्र का अपहरण हुआ और जान पहचान होने की वजह से उसकी हत्या कर दी गई। 

फिरौती के लिए बनाया वीडियो

पुलिस को एक चापड़ भी मिला है, जिसके बाद आरोपी प्रभात ने कबूला कि उसकी योजना कुशाग्र के शव को टुकड़ों में करके ठिकाने लगाने की थी। पुलिस कुशाग्र के मृत शरीर का चंद सेकेंड का एक वीडियो भी मिला है, ताकि वह उसे दिखाकर फिरौती वसूल कर सके।

तीन दिन की रिमांड में कई खुलासे

प्रभात के घर से बाहर बनी एक कोठरी से कुशाग्र का शव पुलिस ने बरामद किया था। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलिस ने हत्यारोपियों से 6 बिंदुओं पर पूछताछ व सबूत संकलन के लिए पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी थी। मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट सूरज मिश्रा की अदालत ने केवल तीन दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया था। 

कुशाग्र को धोखे से कोठरी पर बुलाया

डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि प्रभात ने पुलिस को एक चापड़ बरामद कराया है। उसने बताया कि कुशाग्र उनको जानता था और उनके पास उक्त कोठरी के अलावा अपहृत को रखने का कोई स्थान नहीं था। कोठरी बीच बस्ती में है, इसलिए पहले ही तय हो गया था कि कुशाग्र को धोखे से यहां लाया जाएगा और हत्या कर दी जाएगी।

शव टुकड़ों में काटकर गंगा में बहा देता

पुलिस ने जब चापड़ के संबंध में पूछा को प्रभात ने बताया कि उसने योजना बनाई थी कि शव को टुकड़ों में काटकर वह छोटी-छोटी पॉलीथिन में भरकर गंगा में बहा देता और फिरौती की रकम लेकर रचिता के साथ बाहर कहीं जाकर बस जाता। मगर, पुलिस ने रात ही उसकी गिरफ्तारी कर ली, जिससे मामला सामने आ गया। अगले 24 घंटे के अंदर वह शव को ठिकाने लगा देता। 

30 लाख की फिरौती वसूलने की योजना

हत्या के बाद फिरौती कैसे वसूली जाएगी, इसके लिए उसने कुशाग्र की हत्या के बाद शाम पांच बजकर सात मिनट पर चंद सेकेंड का एक वीडियो अपने मोबाइल पर बनाया। इसमें कुशाग्र के हाथ पैर बंधाते हुए उसे दिखाया गया। योजना के मुताबिक यही वीडियो भेजकर 30 लाख रुपये की फिरौती वसूलने की योजना थी।

डीसीपी ने बताया कि कुशाग्र का मोबाइल भी बरामद हो गया है, जिसे फिरौती पत्र में स्कूटी के साथ फेंकने की बात कहीं गई थी, लेकिन वहां मोबाइल नहीं मिला। हालांकि, मोबाइल को प्रभात ने रेलवे लाइन के किनारे फेंका हुआ था।

यह है पूरा मामला

आचार्य नगर निवासी मनीष कनोडिया का 17 वर्षीय बेटा कुशाग्र कनोडिया जयपुरिया स्कूल से दसवीं की पढ़ाई कर रहा था। पिछले दिनों वह स्वरूप नगर स्थित कोचिंग संस्थान में जाने के लिए घर से निकला, लेकिन लापता हो गया। 

बाद में सामने आया कि कुशाग्र को पूर्व में ट्यूशन पढ़ने वाली शिक्षिका रचिता वत्स ने अपने प्रेमी प्रभात शुक्ला और एक अन्य शिव गुप्ता के साथ मिलकर साजिश रची और कुशाग्र का फिरौती के लिए अपहरण कर लिया। कुशाग्र, प्रभात और रचिता दोनों को जानता था इसलिए उसकी हत्या कर दी गई।

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